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अयोध्या में मंदिर बनना शुरू नहीं होने पर आत्मदाह कर लेंगे रामविलास वेदांती

26 मार्च 2019 को यदि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण प्रारंभ नहीं हो जाता तो डॉ. राम विलास दास वेदांती आत्मदाह कर लेंगे।

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 23 May 2018 07:18 PM (IST)Updated: Wed, 23 May 2018 08:34 PM (IST)
अयोध्या में मंदिर बनना शुरू नहीं होने पर आत्मदाह कर लेंगे रामविलास वेदांती
अयोध्या में मंदिर बनना शुरू नहीं होने पर आत्मदाह कर लेंगे रामविलास वेदांती

गोंडा (जेएनएन)। अयोध्या स्थित श्रीरामजन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य व पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती बुधवार को राममंदिर निर्माण मुद्दे पर खुलकर बोले। उन्होंने कहा कि यदि 26 मार्च 2019 तक अयोध्या में राममंदिर का निर्माण शुरू नहीं होता है तो वह आत्मदाह कर लेंगे। इससे पूर्व वह यह घोषणा गत दिनों अयोध्या में कर चुके हैं।  पूर्व में उनकी घोषणा रामनवमी के दिन हुई थी। 

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डॉ वेदांती बुधवार को गोंडा के छेदीपुरवा में आयोजित धार्मिक अनुष्ठान में शामिल होने के बाद पत्रकारों से मुखातिब थे।  उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की बीस राज्यों में सरकार है, इन सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को एक प्रस्ताव सांसदों व विधायकों के हस्ताक्षर से कराकर राष्ट्रपति व प्रधानमंंत्री को राम मंदिर के समर्थन में सौंपना चाहिए, जिससे मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो सके। उन्होंने श्रीश्री रवि शंकर पर भी आरोप मढ़ा। साथ ही कहा कि आगामी छह दिसंबर से विहिप, बजरंग दल व आरएसएस को मिलकर एक बार फिर राम मंदिर निर्माण के लिए बड़ा आंदोलन चलाना चाहिए। जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके इशारे पर केंद्र सरकार द्वारा सेना के हाथ बांधे गए हैं। यूपी के विधायकों को रंगदारी के लिए धमकी दिए जाने के सवाल पर डॉ वेदांती ने कहा कि योगी राज में सभी विधायक पूरी तरह से सुरक्षित हैं। 

आध्यात्मिक स्तर पर हो राम मंदिर समाधान 

अशर्फीभवन पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य ने अयोध्या में कहा कि रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण एवं राष्ट्रीय महत्व के अन्य विषयों का समाधान आध्यात्मिक स्तर पर होना चाहिए। यूं तो दुनिया में जितनी भी समस्याएं हैं, उनका अंतिम समाधान अध्यात्म में है पर रामजन्मभूमि और राष्ट्रीय महत्व से जुड़े अनेक अन्य विषयों का समाधान अध्यात्म में सहजता से उपलब्ध है। रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण पर उन्होंने कहा, राम जैसा शील, शौर्य, मूल्य और उच्चादर्श मानवता की उच्चतर संभावना है, जिस दिन हम भगवान राम का ईमानदारी से अनुकरण कर सकेंगे। उसी दिन से मंदिर निर्माण की स्वयमेव संभावना जगेगी और राम के आदर्शों से अनुप्राणित पीढ़ी पूरी दुनिया को मार्ग दिखाने में सक्षम होगी। 


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