पब्लिक पी रही आर्सेनिक वाला जल, एनजीटी ने कहा निकालो हल
गोंडा समेत 20 जिलों में हैंडपंप से पानी के साथ निकल रहा आर्सेनिक
गोंडा : वक्त बदला लेकिन, अभी हालात पूरी तरह से नहीं बदले। पब्लिक को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पाइप लाइन बिछाने का दावा तो किया जा रहा है। बावजूद इसके अभी भी गोंडा समेत 20 जिलों की 1444 बस्तियों में सरकारी हैंडपंप पानी के साथ आर्सेनिक उगल रहे हैं। समस्या का समाधान न होने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने मामले का संज्ञान लिया है। जलनिगम को हैंडपंप हटाने के साथ ही संबंधित बस्तियों में स्वच्छ पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था कराने के आदेश दिए गए हैं।
आर्सेनिक युक्त जल से क्या है नुकसान:-विशेषज्ञ देवेश मिश्र का कहना है कि आर्सेनिक एक जहरीली धातु है। यदि इसका उपयोग अधिक मात्रा में किया जाय तो मानव शरीर को नुकसान पहुंचता है। अधिक समय तक आर्सेनिक प्रदूषित जल पीने से त्वचा का कैंसर, अन्य आंतरिक अंगों, फेफड़े, आमाशय व गुर्दे का कैंसर हो सकता है।
बहराइच में सबसे ज्यादा दिक्कत
- बहराइच में 579, बलिया 410, खीरी 173, गोंडा 101, गोरखपुर 65, गाजीपुर 24, चंदौली 19, कुशीनगर 19, बरेली 17, देवरिया 9, बस्ती सात, संतकबीरनगर छह, सिद्धार्थनगर पांच, महराजगंज तीन, आजमगढ़ दो, बलरामपुर, लखनऊ, मऊ, संभल व सोनभद्र में एक-एक बस्तियों में हैंडपंप आर्सेनिक युक्त पानी दे रहे हैं।
तैयार कराएं कार्ययोजना
- अपर निदेशक (प्रशासन) पंचायतीराज राजकुमार ने जलनिगम से हैंडपंप हटवाने के साथ ही पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था कराने के लिए जिलाधिकारी को पत्र भेजा है। इसके अलावा स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कार्ययोजना भी तैयार कराने के लिए कहा गया है। डीएम डॉ. नितिन बंसल ने सीडीओ को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।