स्वास्थ्य सेवाओं की रैंकिग में 70वें नंबर पर पहुंचा जिला
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की रैंकिग में एक बार फिर जिला पिछड़ गया है। तीन महीने की जारी की गई रैंकिग में गोंडा 70वें स्थान पर पहुंच गया है। इससे स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। अब खराब प्रगति वाले स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षकों को स्थिति सुधारने की नसीहत दी गई है। जिले में महिलाओं व शिशुओं की सेहत को लेकर कई कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। गर्भवती की जांच से लेकर अन्य सुविधाएं देने की व्यवस्था है। बावजूद इसके सूरतेहाल काफी खराब हैं। न तो महिलाओं के खून की जांच की समुचित व्यवस्था है न ही अन्य सुविधाएं।
गोंडा: मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की रैंकिग में एक बार फिर जिला पिछड़ गया है। तीन महीने की जारी की गई रैंकिग में गोंडा 70वें स्थान पर पहुंच गया है। इससे स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। अब खराब प्रगति वाले स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षकों को स्थिति सुधारने की नसीहत दी गई है।
जिले में महिलाओं व शिशुओं की सेहत को लेकर कई कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। गर्भवती की जांच से लेकर अन्य सुविधाएं देने की व्यवस्था है। बावजूद इसके सूरतेहाल काफी खराब हैं। न तो महिलाओं के खून की जांच की समुचित व्यवस्था है न ही अन्य सुविधाएं। गत दिनों जारी की गई स्वास्थ्य रैंकिग में जिला 70वें स्थान पर पहुंच गया है। इसके बाद अब अधिकारी कारणों की पड़ताल में लग गए हैं। बुधवार को सीएमओ डॉ. मधु गैरोला ने अधीक्षकों के साथ बैठक की। कहाकि सुधार न हुआ तो अधीक्षकों की व्यक्तिगत स्तर पर जिम्मेदारी तय की जाएगी। बैठक में एसीएमओ डॉ. देवराज, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. बीके सिंह, डॉ. आशुतोष शुक्ला, शेषनाथ सिंह मौजूद थे। इनसेट
दो से चलेगा अभियान
- दो सितंबर से संचारी रोगों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। पूरे माह तक चलने वाले अभियान में गांव से लेकर शहर, स्कूलों-कॉलेजों तक में बीमारियों से बचाव के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके लिए माइक्रोप्लान तैयार किया गया है।