गांव में बदलने लगा सियासी मौसम, हर कोई दिखा रहा अपना दम
राम जियावन का कहना था कि इस बार तिलक उसी के माथे पर लगेगा जो हर गांव में मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगा। शंकर का कहना था कि शुरुआत में विकास को लेकर बहस जरूर होती है लेकिन जब वोट डालने की बारी आती है तो हर कोई अपना करीबी ढूंढ़ता है।
सुशील श्रीवास्तव, धानेपुर (गोंडा)
दोपहर के करीब 12 बज रहे थे। मुजेहना ब्लॉक की ग्राम पंचायत परसिया पंडित में कोई धूप सेंकता नजर आया तो कोई बच्चों को दुलारता दिखा। कुछ बच्चे घरों के सामने खेलते दिखे। सर्द मौसम में चुनावी गर्मी बातों में महसूस की जा रही थी। कोई आरक्षण को लेकर अपने तर्क दे रहा था कोई आगे की राह मुश्किल बता रहा था।
राम जियावन का कहना था कि इस बार तिलक उसी के माथे पर लगेगा जो हर गांव में मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगा। शंकर का कहना था कि शुरुआत में विकास को लेकर बहस जरूर होती है लेकिन, जब वोट डालने की बारी आती है तो हर कोई अपना करीबी ढूंढ़ता है। गांव के बाहर बने सरकारी स्कूल की सूरत बदली नजर आई। यहां कुछ मुहल्ले में इंटरलॉकिग लगवाई थी। पंचायत के मुताबिक विकास कार्य के लिए बीते पांच वर्ष में राज्य वित्त व केंद्रीय वित्त आयोग से दस लाख रुपये मिले थे, इसमें से सिर्फ 9.39 लाख रुपये ही खर्च किए जा सके। जनता अभी भी विकास की उम्मीद लगाए बैठी है।
इनसेट
आधारभूत आंकड़े
आबादी-3500
मजरे-08
मतदाता-1639
वार्ड-11
परिवार-910
प्राथमिक स्कूल-01 उपलब्धि
- तालाब सुंदरीकरण
- गो आश्रय केंद्र का निर्माण
- स्कूल का कायाकल्प
- खड़ंजा निर्माण
- इंटरलॉकिग कार्य
- सीसी रोड निर्माण समस्या
- अंत्येष्टि स्थल का विकास नहीं हुआ।
- उच्च प्राथमिक स्कूल की स्थापना नहीं हुई।
- जलनिकासी के लिए नाली निर्माण नहीं कराया गया।
- साफ-सफाई की व्यवस्था ठीक नहीं हुई।
- पेयजल के लिए पाइपलाइन की स्थापना नहीं हो सकी। पब्लिक बोल
- गांव में विकास कार्य तो हुए हैं। मनरेगा के जरिए लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही तालाब सुंदरीकरण का कार्य कराया गया है।
- शिव प्रकाश पाठक, ग्रामीण
सरकारी स्कूल का कायाकल्प ग्राम पंचायत ने कराया है। अब ये स्कूल कॉन्वेंट की तरह दिखने लगा है। इससे बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ेगी। - हनुमान प्रसाद पांडेय, ग्रामीण - गांव में गो आश्रय केंद्र तो बन गया है लेकिन, संचालन न होने से छुट्टा मवेशी इधर-उधर घूम रहे हैं। ऐसे विकास से क्या लाभ।
- राम आज्ञा, ग्रामीण विकास कार्य वोटबैंक के हिसाब से कराया गया है। जिसने वोट नहीं दिया तो उसे विकास के दर्शन तक नहीं हुए। - जनकनंदिनी, महिला - गांव में शौचालय का पैसा दिया गया है लेकिन, निर्माण कार्य अभी तक नहीं हो सका। पशुशेड अधूरे व मानक विहीन हैं। जिसकी शिकायत कई बार की गई लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हुई।
- इंद्रावती, रनर -बीते पांच वर्ष में तेजी से विकास कार्य कराए गए हैं। कुछ कार्य अधूरे रह गए हैं जिन्हें पूरा कराया जाएगा।
- राम करन प्रजापति, निवर्तमान प्रधान