मां को बताई बेटियों के उत्थान की योजनाएं
गोंडा बेटियों के उत्थान की योजनाओं के बारे में सोमवार को महिला कल्याण विभाग की टीम जि
गोंडा : बेटियों के उत्थान की योजनाओं के बारे में सोमवार को महिला कल्याण विभाग की टीम जिला महिला अस्पताल पहुंची। टीम ने यहां पर भर्ती प्रसूताओं से संपर्क करके उन्हें बेटियों के उत्थान के बारे में जानकारी दी।
महिला कल्याण अधिकारी फरजाना व जिला समन्वयक ज्योत्सना सिंह ने बताया कि समान लिगानुपात, बालिकाओं के स्वास्थ्य व शिक्षा को मजबूत करने के लिए कन्या समुंगला योजना संचालित है। योजना के लाभ के बारे में महिलाओं को बताया गया। साथ ही बेटी बचाओ व बेटी पढ़ाओ को लेकर भी जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि महिलाओं व बालिकाओं को सुरक्षा के लिए टोल फ्री नंबर जारी किए गए हैं। इसके अलावा टीम ने स्वास्थ्य अधिकारियों से भी बात की। इधर, वन स्टाप सेंटर पर एक महिला ने फोन करके समस्या बताई। कहाकि उसके पति शराब पीते हैं, उसकी एक साल की बेटी को छीन लिया है। इस पर वन स्टाप सेंटर की स्वाती पांडेय ने फोन पर जानकारी ली। समझा बुझाकर बिटिया को वापस दिलाया।
ताकि बिटिया के अपनों की हो सके पहचान बाल शिशु गृह में एक साल से अधिक समय से रह रही दिव्यांग बिटिया के अपनों की खोज की मुहिम चलाई जा रही है। बालगृह की टीम बिटिया को लेकर कटरा बाजार के गांवों में घूम रही है। अब तक एक दर्जन से अधिक गांवों में टीम ने भ्रमण किया।बालगृह के चीफ कोआर्डिनेटर उपेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि 4 जुलाई 2019 को कटरा बाजार पुलिस ने एक सात साल की बेटी को संरक्षित कराया। मूकबधिर होने के कारण उसके अपनों के बारे में पता नहीं चल पा रहा है। यहां की टीम अब बालिका के स्वजनों की तलाश के लिए कटरा बाजार के गांवों में पहुंच रही है। टीम स्थानीय लोगों से मिलकर बालिका के बारे में जानकारी कर रही है। टीम में सुनीता, सुदेश तिवारी व आशू सोनी शामिल थे। मां-मां कहकर रोती है बेटी
-बाल गृह के कर्मियों की मानें तो वहां पर रहे बच्चों से मिलने जब कोई महिला आती है तो यह बालिका उसको मां समझकर रोने लगती है। ऐसे में उसे किसी तरह से समझाया बुझाया जाता है।