अवर अभियंता एक, कैसे हो दो लाख आबादी की निगरानी
गोंडा: बात हम विनियमित क्षेत्र कार्यालय की कर रहे हैं। इस कार्यालय में केवल एक अवर अभियंता
गोंडा: बात हम विनियमित क्षेत्र कार्यालय की कर रहे हैं। इस कार्यालय में केवल एक अवर अभियंता की ही तैनाती जिसके जिम्मे नगर पालिका क्षेत्र सहित 34 गांवों के निगरानी का दायित्व है। एक अवर अभियंता ऐसे में कहां-कहां की निगरानी करे और क्या कार्रवाई, यह एक यक्ष प्रश्न है।
विनियमित क्षेत्र में बनने वाले भवनों का नक्शा पास है या नहीं। भवन का निर्माण पास नक्शा के अनुसार ही कराया जा रहा है। कहीं बिना नक्शा पास कराए ही भवन का निर्माण तो नहीं कराया जा रहा है? ऐसे कार्यों की निगरानी की जिम्मेदारी विनियमित क्षेत्र कार्यालय में तैनात अवर अभियंता के पास है। अवर अभियंता की रिपोर्ट के बाद अधिकारी उस पर निर्णय लेते हैं। मौजूदा समय अवर अभियंता अनुपम कुमार सिन्हा की तैनाती है जबकि पूर्व में भी एक ही अवर अभियंता की ही तैनाती रही है। विभागीय सूत्रों के मानें तो अकेले अवर अभियंता के सहारे दो लाख की आबादी से अधिक की निगरानी करना कठिन है। इसी का फायदा उठाकर विनियमित क्षेत्र के गांवों में अधिकांश भवनों का निर्माण करा लिया जाता है। जब तक जांच के लिए अवर अभियंता मौके पर पहुंचते हैं तब तक भवन पूरा हो जाता है। इसके बाद बस नोटिस जारी करने की कार्यवाही ही बचती है। माना जा रहा है कि यदि अवर अभियंता की संख्या बढ़े तो निगरानी का दायरा भी बढ़ेगा। सिटी मजिस्ट्रेट एससी प्रजापति का कहना है कि बिना नक्शा पास कराए बनाए गए भवनों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा नक्शा पास होने के बाद ही भवन निर्माण की अनुमति दी जाएगी।