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गांव की आधी-आबादी को मिशन बना रहा स्वावलंबी

गोंडा : गांव में घर की दहलीज तक सिमटी महिलाओं को स्वावलंबी बनाकर विकास की धारा से जो

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 May 2018 10:16 PM (IST)Updated: Tue, 22 May 2018 10:16 PM (IST)
गांव की आधी-आबादी को मिशन बना रहा स्वावलंबी
गांव की आधी-आबादी को मिशन बना रहा स्वावलंबी

गोंडा : गांव में घर की दहलीज तक सिमटी महिलाओं को स्वावलंबी बनाकर विकास की धारा से जोड़ने के लिए पं. दीन दयाल उपाध्याय राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का संचालन किया जा रहा है। महिलाएं छोटी-छोटी बचत करके न केवल पूंजी इकट्ठा करती हैं, बल्कि मिशन भी स्वरोजगार के लिए आर्थिक मदद उपलब्ध कराता है। हुनर सीखने की व्यवस्था के साथ ही अन्य योजनाओं का लाभ समूह की महिलाओं को प्राथमिकता से दिया जाता है। महिलाएं खुद का रोजगार करके अपनी कामयाबी की दास्तां लिख रही हैं। ग्रामीण क्षेत्र में कम से कम दस व अधिकतम 20 महिलाएं इकट्ठा होकर समूह बना सकती हैं। इसके लिए ग्राम पंचायत, ब्लॉक व जिला स्तर पर जानकारी ली जा सकती है।

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पंचसूत्र का करें पालन

-नियमित साप्ताहिक बैठक

-नियमित बचत

-नियमित लेनदेन

-नियमित कर्ज वापसी

-नियमित अभिलेखों का रख-रखाव

-न्यूनतम 10 से 20 निर्धन ग्रामीण महिलाओं को मिलाकर बनाया जाता है। इसमें तीन पदाधिकारियों में अध्यक्ष, सचिव तथा कोषाध्यक्ष होते हैं। जिनके द्वारासमूह के बैंक खाते का संचालन किया जाता है। समूह गठन के दो माह के भीतर बैंक खाता खुलवाना चाहिए। इसके उपरांत दो से तीन माह में बेसिक माड्यूलर पर तीन चरण का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। तीन में ग्रुप कार्पस के आधार पर रिवा¨ल्वग फंड उपलब्ध कराना चाहिए। इसमें प्रत्येक समूह को 15 हजार रुपये प्रदान किए जाते हैं। छह माह के बाद ग्रेडिग के उपरांत सीसीएल से लाभान्वित किया जाता है। सीसीएल के रूप में 50 हजार से एक लाख रुपये तक की मदद बैंक से दिलाई जाती है। आवश्यकतानुसार बैंकों से एक लाख से तीन लाख रुपये तक ऋण दिलाए जाते हैं।

अन्य विभागों से समन्वय

- एनआरएलएम के तहत गठित महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को अन्य योजनाओं से जोड़ने की व्यवस्था है। पात्रों को मनरेगा, आवास के साथ ही कौशल विकास मिशन के तहत प्रशिक्षण दिलाने की भी व्यवस्था है। इसके अतिरिक्त स्वच्छता अभियान के तहत समूह की महिलाओं को स्वच्छाग्राही के रूप में भी चयन किया जा सकता है।

480 समूह होंगे गठित

- चालू वित्तीय वर्ष में 480 महिला समूहों का गठन किया जाना है। इसके लिए प्रत्येक ब्लॉक में 30-30 समूह का लक्ष्य तय किया गया है। अभी तक 17 समूह गठित हो चुके हैं, जिसमें पदाधिकारियों के बैंक खाते खुलवाए जा रहे हैं। बीते पांच मई को आजीविका दिवस के अवसर संचालित समूहों को रिवा¨ल्वग फंड व सीसीएल बांटे जा चुके हैं।

पं. दीन दयाल उपाध्याय राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को स्वावलंबी बनाया जा रहा है। योजना के तहत छोटी-छोटी बचत करके महिलाएं पैसा इकट्ठा करती हैं। इसके बाद छोटे रोजगार के लिए रिवा¨ल्वग फंड व सीसीएल दिलाया जाता है। इसके बाद सफल संचालन की स्थित में डेयरी, फर्नीचर, वस्त्र अन्य उद्योगों के लिए भी ऋण दिलाने की व्यवस्था है।

-दिनेश कुमार यादव, उपायुक्त स्वत : रोजगार गोंडा


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