कागजों में सिमटकर रह गई ग्राम पंचायतों की टीएसी जांच
गोंडा : बड़ी ग्राम पंचायतों में आवंटित बजट व खर्च को लेकर टीएसी जांच कराने का आदेश गा
गोंडा : बड़ी ग्राम पंचायतों में आवंटित बजट व खर्च को लेकर टीएसी जांच कराने का आदेश गोंडा समेत दस जिलों में सिर्फ कागजों तक सिमट कर रह गया। छह माह बीतने के बावजूद अफसर शासन को रिपोर्ट नहीं दे सके। शासन स्तर पर समीक्षा के बाद निदेशक पंचायतीराज ने लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए संबंधित अफसरों को रिपोर्ट न देने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।
गांवों में विकास कार्य कराने की जिम्मेदारी पंचायतों को सौंपी गई है। शासन ने प्रत्येक जिले की आबादी के हिसाब से दो सबसे बड़ी ग्राम पंचायतों की टीएसी जांच कराने का फैसला किया था। इसके लिए ग्राम पंचायतें चिन्हित करके मंडल स्तरीय टीएसी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। टीएसी को चिन्हित ग्राम पंचायतों में वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2017-18 तक विभिन्न योजनाओं से आवंटित बजट व खर्च की जांच करनी थी। गांवों में कराए गए विकास कार्यों का स्थलीय व अभिलेखीय सत्यापन करके रिपोर्ट तलब की गई थी। छह माह से अधिक का समय बीतने के बावजूद गोंडा, अमेठी, सुल्तानपुर, बाराबंकी, फैजाबाद, फतेहपुर, बदायूं, भदोही, चंदौली, वाराणसी जिले की रिपोर्ट शासन को नहीं मिली सकी। शासन स्तर पर संबंधित जिलों की रिपोर्ट न मिलने से प्रगति रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को नहीं भेजी सकी। निदेशक पंचायतीराज आकाश दीप ने अफसरों की लापरवाही पर नाराजगी जताई है। संबंधित अधिकारियों को अंतिम अवसर देते हुए जल्द रिपोर्ट न देने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।