सौगंध पूरी होने की आस में 30 वर्ष से नहीं बनवाई दाढ़ी
कारसेवकों के बलिदान दिवस पर आचार्य शेषदत्त शर्मा ने ली थी शपथ
गोंडा : हर कोई अपनी मन्नतें पूरी होने के लिए कुछ न कुछ प्रतिज्ञा जरूर करता है। एक आचार्य ने 30 वर्ष पहले कारसेवकों के बलिदान से व्यथित होकर मंदिर निर्माण होने पर ही दाढ़ी बनवाने का संकल्प लिया था। ये प्रतिज्ञा वह अब भी निभा रहे हैं। सामाजिक ताने को दरकिनार वह भगवान राम को सब कुछ मानते हैं। 2005 में मां का देहांत के बावजूद उन्होंने दाढ़ी नहीं बनवाई। गांव के लोगों ने बहुत प्रयास किया, लेकिन उन्होंने सौगंध की लाज रखने के लिए रीति-रिवाजों को भी छोड़ दिया। भगवान राम के मंदिर निर्माण को लेकर भूमि पूजन होने के बाद उनके मन में प्रतिज्ञा जल्द पूरी होने की आस जगी है।
कारसेवकों की मौत की खबर ने किया था बेचैन :- बेलसर के बरसड़ा गांव निवासी आचार्य शेषदत्त शर्मा 1990 की उस घड़ी को याद कर भावुक हो जाते हैं। उस दिन की यादें साझा करते हुए उन्होंने बताया कि राममंदिर निर्माण को लेकर कारसेवक अयोध्या में जमा हुए थे। वह भी सरयू पुल पर कुछ कारसेवकों के साथ दबाव बनाने के लिए रुके थे। दोपहर में करीब ढाई बजे अचानक गोली चलने की खबर आई। इसमें काफी कारसेवकों की मौत हो गई। इस घटना का समाचार सुनकर उन्होंने मां सरयू को साक्षी मानकर ये शपथ ली कि जबतक राम मंदिर का निर्माण होकर उसके शीर्ष पर कलश की स्थापना नहीं होगी, तबतक दाढ़ी नहीं बनवाऊंगा। प्रधान बरसड़ा रितेश ¨सह का कहना है कि आचार्य ने अपनी प्रतिज्ञा को पूरी करने के लिए समाज के ताने सुने, लेकिन कभी विचलित नहीं हुए। राम मंदिर का निर्माण शुरू होना ये हमारे के लिए किसी अनमोल पल से कम नहीं है।