कनेक्शन दे दिया अब बिजली दें तब बने बात
फॉलोअप योजना चली नहीं पूरा कर सके लक्ष्य गोंडा मार्च से ही परिषदीय स्कूलों में नामांकन को लेकर अभियान चल रहा है लेकिन यहां अफसर प्रगति से अनजान है। गुरुजनों ने कितने एडमीशन करा चुके। इसको लेकर बीईओ कोई आंकड़ा नहीं दे पा रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अभियान किस तरह चलाया गया है। आउट ऑफ स्कूल बच्चों के दाखिले में भी दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। इससे विभाग की शत प्रतिशत बच्चों को स्कूल पहुंचाने की मंशा पूरी करने के अफसरों के दावे पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इसी पर रिपोर्ट (300-फोटो-चार अजय पांडेय 9161
गोंडा : कई योजनाओं के माध्यम से हर घर बिजली पहुंचाई गई है लेकिन, उपभोक्ताओं को बत्ती देने में मनमानी का खेल चल रहा है। पॉवर कारपोरेशन स्तर से शहर से लेकर गांव तक सप्लाई के लिए समय निर्धारित करने का दावा जरूर किया जा रहा है। उस पर अमल होता नहीं दिख रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में छह से आठ घंटे की कटौती की जाती है। शहर में भी बत्ती गुल रहती है। इससे उपभोक्ता हलकान हो रहे है लेकिन, अफसरों को फिक्र नहीं है। बिजली की खपत कम होती है। बचत दिखाने के लिए भी अभियंता कटौती कर देते हैं।
गत मंगलवार को शहर के झंझरी बिजली घर को दी जाने वाली बिजली सुबह नौ बजे गुल हो गई। दोपहर में आपूर्ति चालू की गई। अपराह्न चार बजे लाइट चली गई। थोड़ी देर बाद आपूर्ति बहाल हुई लेकिन, छह बजे एक बार फिर बत्ती गुल हो गई। रात में 11 बजे तक लाइट नहीं आई। जिससे आइटीआइ, आंबेडकर चौराहा, विष्णुपुरी आदि मुहल्लों में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इससे पहले सोमवार को भी इसी तरह से कटौती की गई। यह शहरी क्षेत्रों का हाल है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली सप्लाई की स्थिति बदतर है। यहां जब चाहें सप्लाई चालू कर दें व जब चाहें तब बंद कर दें। कोई पुरसाहाल नहीं है। दोपहर व शाम के समय अक्सर बत्ती गुल रहती है। तरबगंज, बेलसर, परसपुर, मनकापुर आदि बिजली घरों से लाइट पाने वाले उपभोक्ता परेशान हैं। सप्लाई को लेकर उपभोक्ता शिकायत करते हैं लेकिन, कोई सुनने वाला नहीं है। ऐसे में उपभोक्ताओं में आक्रोश पनप रहा है। अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड प्रथम व नोडल अफसर बिजली अशोक यादव ने बताया कि निर्धारित शेड्यूल के मुताबिक आपूर्ति देने के निर्देश दिए गए हैं। तकनीकी खामियों की वजह से सप्लाई बाधित होती है।