बच्चों का भविष्य संवार कर रहे देश का निर्माण
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गोंडा : बच्चे देश का भविष्य हैं। बच्चों का भविष्य संवरने से ही देश का निर्माण होगा। इसी सोच के साथ समाज की सेवा कर रहे हैं उप श्रमायुक्त शमीम अख्तर। देवीपाटन मंडल के शमीम ने कर्नलगंज ग्रामीण निवासी अशर्फीलाल के दो बेटे सोनू और लक्ष्मण को तीन वर्ष पूर्व बालश्रम से मुक्त कराया था। बच्चों को उनका हक मिल सके, इसके लिए वह उन्हें गोद लेकर खुद पढ़ाई का खर्च उठा रहे हैं। ये बच्चे भी उन्हें अपने अभिभावक की तरह मानते हैं। वर्तमान में वह कानपुर श्रम बोर्ड में तैनात हैं। तीन वर्ष पूर्व बच्चों को लिया था गोद
श्रम विभाग ने वर्ष 2017 में मंडल में अभियान चलाकर 13 बच्चों को बालश्रम से मुक्त कराया था। पड़ताल में पता चला इनके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब है। पूछने पर बच्चों ने पढ़ने की इच्छा जताई थी। बच्चों की पढ़ाई में कोई बाधा न आए, इसलिए बच्चों को गोद लेने का सुझाव दिया था। तत्कालीन डीएम आशुतोष निरंजन ने इस पहल का स्वागत करते हुए स्वयं भी बच्चे गोद लिए थे।
वह अफसर नहीं, फरिश्ता हैं
बच्चे मेरे हैं तो पढ़ाई-लिखाई कराना भी मेरा फर्ज है लेकिन, जो जिम्मेदारी हम मुफलिसी के चलते नहीं निभा पाए, वह कोई और निभा रहा है। वह अफसर नहीं, मेरे बच्चों के लिए फरिश्ता हैं।
- अशर्फीलाल, बच्चों के पिता बच्चों से किया वादा मैं तोड़ नहीं सकता
- कर्नलगंज के सोनू व लक्ष्मण को मैंने तीन वर्ष पहले गोद लिया था। वक्त के साथ कार्यक्षेत्र तो बदल गया लेकिन, बच्चों से किया गया वादा मैं तोड़ नहीं सकता था। दोनों बच्चे तीसरी कक्षा में पढ़ रहे हैं।
- शमीम अख्तर, उप श्रमायुक्त कानपुर
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