अब मुर्गीपालन से आत्मनिर्भर बन रहीं स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं
गोंडा सीडीओ ने किया गांव का भ्रमण महिलाओं से संवाद करके बढ़ाया हौंसला।
संसू, गोंडा : कोई गांव में मजदूरी करता है तो कोई घरेलू काम। स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के बाद खुद के स्वरोजगार का सपना संजोए महिलाओं के कमाई का द्वार खुलने लगे हैं। बैकयार्ड पोल्ट्री फार्म से मुर्गी की
बिक्री शुरू होने वाली है। सीडीओ गौरव कुमार ने रविवार को मनकापुर ब्लाक के पंचपुतीजगतापुर व बंदरहा गांव का भ्रमण किया। उन्होंने पोल्ट्रीफार्म का निरीक्षण करने के बाद महिलाओ से संवाद करके उनका हौसला बढ़ाया ।
इनसेट
एक लाभार्थी को मिलेंगे 50 चूजे
- जिला प्रबंधक अंबिका ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को मुर्गीपालन के लिए आर्थिक मदद दी गई है। योजना के तहत जिले के दो ब्लाकों की 300 महिलाओं का चयन किया गया है। इसपर करीब दस लाख रुपये खर्च होंगे। बैकयार्ड पोल्ट्री फार्म की स्थापना के लिए एक लाभार्थी को 50 चूजे दिए जा रहे हैं। 28 दिन के एक चूजे की कीमत औसतन 50 रुपये है। यह खर्च स्वयं सहायता समूह के रिवाल्विग फंड से होगा। एक जिले में 300 लाभार्थियों को 15 हजार चूजे दिए जाएंगे। बंगलुरु की संस्था कर रही तकनीकी सहयोग
- बैकयार्ड पोल्ट्री फार्म की स्थापना को लेकर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को तकनीकी सहयोग भी मिल रहा है। यह जिम्मेदारी नक्श फाउंडेशन बंगलुरु उठा रही है। नक्श फाउंडेशन की जिला प्रबंधक कविता वर्मा ने बताया कि महिलाएं बेहतर कार्य करने लगी हैं। 100 महिलाओं को ढाई हजार चूजे जल्द वितरित किए जाएंगे। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला प्रबंधक नीलांबुज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बैकयार्ड पोल्ट्री फार्म की स्थापना के लिए जिले के मनकापुर व छपिया ब्लाक का चयन किया गया है। प्रत्येक ब्लाक में स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं 150-150 महिलाओं को योजना का लाभ दिलाया गया हैं।
- एनबी सविता, उपायुक्त स्वत : रोजगार गोंडा