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मिनी विकास भवन पर खर्च हो गया धन, चर्चा में नहीं लग रहा प्रधानजी का मन

लाखों रुपये के भवन हो चुके हैं जर्जर नहीं चेते अफसर

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2020 10:10 PM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2020 05:06 AM (IST)
मिनी विकास भवन पर खर्च हो गया धन, चर्चा में नहीं लग रहा प्रधानजी का मन
मिनी विकास भवन पर खर्च हो गया धन, चर्चा में नहीं लग रहा प्रधानजी का मन

गोंडा : परसपुर कस्बे में बना पंचायत भवन अब नगर क्षेत्र में आ गया है। यहां परिसर में यहां कुछ लोगों ने अपने ट्रैक्टर व कृषि यंत्र रखे हैं। ये भवन विकास कार्य की चर्चा के लिए नहीं बल्कि, गैरेज के रूप में उपयोग किया जाता है। वहीं, कड़रू का भवन झाड़ियों से घिरा है। रुपईडीह ब्लॉक की ग्राम पंचायत भुड़कुड़ा में ग्राम सचिवालय का निर्माण कार्य अधूरा है। पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि से स्वीकृत इस भवन का निर्माण कार्य छोड़कर कार्यदायी संस्था आठ वर्ष पूर्व भाग गई थी। भवन का निर्माण हुआ और न ही कोई कार्यवाही। ये पंचायतीराज विभाग द्वारा सरकारी योजनाओं की जानकारी एक छत के नीचे जनता को उपलब्ध कराने के लिए बनवाए गए ग्राम सचिवालय/पंचायत भवन निर्माण योजना का सच है। एक दो नहीं, बल्कि जिले की 582 ग्राम पंचायतों में करीब 60 करोड़ रुपये की लागत से बनवाए गए हैं। यदि कुछ गांवों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश गांवों में ये भवन सिर्फ शोपीस बनकर रह गए हैं। यहां सरकारी योजनाओं की जानकारी तो दूर कोई बैठना भी मुनासिब नहीं समझता।

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इन योजनाओं की मिलनी थी जानकारी

- पेंशन योजना

- शादी अनुदान

- जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र

- परिवार रजिस्टर नकल

- कृषि यंत्र वितरण पर अनुदान

- छात्रवृत्ति योजना

- स्वास्थ्य संबंधी जानकारी

विकास कार्य पर होनी थी चर्चा

- गांवों में लोगों को बेहतर आवागमन के साथ ही प्रकाशन व पानी की व्यवस्था उपलब्ध कराना प्राथमिकता में है। ऐसे में हरसाल होने वाले विकास कार्य को लेकर कार्ययोजना पब्लिक के बीच में तैयार की जाती है। ग्राम पंचायत कौन से कार्य कराने जा रही है ये जानकारी कागजों में बैठक करके पब्लिक को नहीं हो पाती है। कई गांव ऐसे हैं जहां भ्रष्टाचार के मामले का राजफाश भी हो चुका है।

जिम्मेदार के बोल :- सभी एडीओ पंचायत को ग्राम पंचायत की बैठक पंचायत भवन में कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा जहां भवन ठीक नहीं है, वहां मरम्मत कराकर ठीक कराने के लिए भी कहा गया है। यदि कहीं अवैध कब्जा है जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।

- सभाजीत पांडेय, डीपीआरओ


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