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Women Empowerment: जरूरतमंद महिलाओं व बेटियों के लिए मिसाल बनीं गोंडा की ज्योतिमा, मिल चुके हैं कई पुरस्कार

Women Empowerment पटेल नगर की रहने वाली ज्योतिमा शुक्ला रश्मि ने सामाजिक स्तर पर महिलाओं की आत्मनिर्भरता के लिए पहल की। स्वरोजगार के साथ ही आर्थिक शक्ति के लिए महिलाओं को तरक्की की उड़ान भरने का संदेश दिया।

By Jagran NewsEdited By: Vrinda SrivastavaPublished: Sat, 01 Oct 2022 10:38 AM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2022 10:38 AM (IST)
Women Empowerment: जरूरतमंद महिलाओं व बेटियों के लिए मिसाल बनीं गोंडा की ज्योतिमा, मिल चुके हैं कई पुरस्कार
जरूरतमंद महिलाओं व बेटियों के लिए मिसाल बनीं गोंडा की ज्योतिमा.

गोंडा, संवाद सूत्र। कहते हैं कि सफलता के लिए दृढ़ संकल्प और मेहनत जरूरी होता है। बस ऐसे कार्य को ईमानदारी व लगन से किया जाए तो कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है। कुछ ऐसा ही शहर के पटेल नगर की रहने वाली ज्योतिमा शुक्ला रश्मि ने कर दिखाया है। एमए, बीएड करने के बाद मानवाधिकार में डिप्लोमा हासिल किया। इसके बाद सामाजिक क्रांति का माध्यम कविता को चुना।

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महिलाओं की आत्मनिर्भरता के लिए पहल की

अपनी रचनाओं के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने का संदेश देने के साथ ही पीड़ा को भी उजागर किया। सामाजिक स्तर पर महिलाओं की आत्मनिर्भरता के लिए पहल की। स्वरोजगार के साथ ही आर्थिक शक्ति के लिए महिलाओं को तरक्की की उड़ान भरने का संदेश दिया। आर्थिक रूप से कमजोर बेटियों की शिक्षा पूरा कराने के लिए सहयोग करना शुरू किया।

19 जरूरतमंद बेटियों की मदद कर चुकी हैं ज्योतिमा 

निश्शुल्क शिक्षा देने के साथ बेटियों की उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक दे रही ज्योतिमा अब तक 19 जरूरतमंद बेटियों की मदद कर चुकी हैं। गोंडा में जन्मी और दिल्ली से कविताओं के मंचीय पाठ की शुरुआत करने वाली ज्योतिमा अब किसी के परिचय की मोहताज नहीं हैं। उन्होंने अपना अलग ही मुकाम हासिल कर रखा है। साहित्य ज्योति पुरस्कार के साथ ही वह महादेवी वर्मा पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं।

महिलाओं को पहले खुद तैयार होना होगा

इसके साथ ही विक्रमाशिला विश्वविद्यालय ने उन्हें विद्यावाचस्पति की मानद उपाधि से सम्मानित किया है। ज्योतिमा कहती हैं कि महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए खुद को तैयार करना होगा। निर्णय लेना होगा कि वह किस दिशा में अपना मुकाम बना सकती हैं। एक लक्ष्य लेकर आगे बढ़ने से ही सफलता मुमकिन हैं। वह विभिन्न कार्यक्रमों में रचनाओं को प्रस्तुत करती हैं।

रचनाएं जो समाज को संदेश देने वाला हो

वह कोशिश करती हैं कि उनकी रचनाएं समाज को संदेश देने वाला हो। ज्योतिमा ने अपनी छाप साहित्य क्षेत्र में छोड़ी है। वह अब बेटियों और महिलाओं के लिए मिसाल बन चुकी हैं। वह अपनी मुहिम को लगातार आगे बढ़ा रहीं हैं। उनका कहना है कि वह हर महिला को सशक्त बनाना चाहतीं हैं और इसी दिशा में कार्य कर रहीं हैं। ज्योतिमा टीवी सीरियल व अन्य कार्यक्रमों में भी हिस्सा ले चुकी हैं।

बेटियों-महिलाओं को स्वावलंबी बनाना लक्ष्य

ज्योतिमा कहती हैं कि बेटियों को स्वावलंबी बनाना उनके जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य है। जो महिलाएं और बेटियां अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती हैं उनकी पूरी मदद की जाती है। इसके लिए वह उन्हें नई राह दिखाती हैं। इससे कई को रोजगार मिला है और वह समाज में आगे बढ़ रहीं हैं।


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