अब 'गोद' में टीबी मुक्त होगा गोंडा
गोंडा सरकार टीबी मुक्त भारत की परिकल्पना को साकार करने का प्रयास कर रही है। इसके
गोंडा :सरकार टीबी मुक्त भारत की परिकल्पना को साकार करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए दवाओं की मॉनीटरिग के साथ ही 18 साल से कम आयु के टीबी मरीजों को 'गोद' लेने की कवायद शुरू की गई है। रेडक्रॉस सहित अन्य संगठन और स्कूल के सहयोग से मरीजों को 'गोद' लेकर गोंडा को टीबी मुक्त बनाया जाएगा। संबंधित प्रतिनिधि हर माह मरीज के घर जाकर उनका पोषण सुधारने में मदद करेंगे। यहां 500 ऐसे मरीज खोजे गए हैं, जिनकी उम्र 18 साल से कम है। इन मरीजों को इलाज के दौरान 500 रुपये प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गत महीने क्षय रोगियों को 'गोद' लेने की पहल की थी। मकसद था, टीबी से ग्रसित बच्चों की सेहत पर ध्यान रखकर उन्हें बीमारी से जल्द निजात दिलाना। राज्यपाल की इस पहल को गोंडा में लागू कराने की तैयारी की जा रही है। क्षय रोग कार्यक्रम के समन्वयक विवेक सरन ने बताया कि जिले में कुल 3500 रोगी हैं, जिसमें से 18 वर्ष से कम आयु के 500 मरीज हैं। जिन्हें गोद लेने के लिए लाइन लिस्ट में शामिल किया गया है।
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इनसे हो रहा संपर्क
- जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. मलिक आलमगीर का कहना है कि टीबी मरीजों को 'गोद' दिलाने के लिए रेडक्रास सोसायटी, लायंस क्लब, रोटरी क्लब व शिक्षण संस्थानों से संपर्क किया जा रहा है। कुछ ने सहमति दे दी है। गांवों के बच्चों को इससे जोड़ने के लिए प्रधानों की मदद ली जाएगी। इसके लिए पत्राचार किया जा रहा है।
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एक नजर आंकड़ों पर :
15 - कुल टीबी यूनिट
500 -18 वर्ष से कम आयु के मरीज
3805 - जांच में मिले टीबी के मरीज
16108 - रोगियों की बलगम जांच
404748 - क्षय रोग क्लीनिक की ओपीडी में आए कुल मरीज
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रेडक्रॉस की बैठक में इस पर निर्णय ले लिया जाएगा। अन्य संगठनों से भी संपर्क कर उनसे टीबी मरीजों को गोद लेने की अपील की जाएगी।
-डॉ. मधु गैरोला, सीएमओ