मानदेय की आस, प्रेरक निराश
गोंडा : दीपावली से पूर्व जहां कर्मचारियों को कई तरह का लाभ दिया जा रहा है। वहीं, साक्षर
गोंडा : दीपावली से पूर्व जहां कर्मचारियों को कई तरह का लाभ दिया जा रहा है। वहीं, साक्षर भारत मिशन के तहत कार्य कर चुके प्रेरकों का 15 महीने के लंबित मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा है। गत 31 मार्च को संविदा भी समाप्त हो चुकी है। प्रेरक कार्यालयों का चक्कर काट रहे हैं।
केंद्र सरकार ने 14 से ऊपर आयु वर्ग के असाक्षरों को साक्षर करने के लिए साक्षर भारत मिशन कार्यक्रम चलाया था। जिले के 1054 ग्राम पंचायतों में लोक शिक्षा केंद्रों की स्थापना की गई, जहां एक-एक महिला व पुरुष प्रेरक की तैनाती की गई। उन्होंने काम किया। योजना की अवधि खत्म होते ही प्रेरकों की संविदा समाप्त कर दी गई लेकिन इनके मानदेय को लेकर सब मौन हैं। प्रेरकों ने धरना प्रदर्शन किया। भारत सरकार को पत्र भेजे लेकिन, कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में इस बार की दीवाली पर ग्रहण रहेगा। साक्षरता कर्मी एसोसिएशन के जिला प्रभारी राजन मिश्र ने कहा कि प्रेरकों को मानदेय नहीं दिया गया है। जिससे उन्हें दीपावली में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। प्रेरकों में निराशा है। बेसिक शिक्षा अधिकारी मनिराम ¨सह ने बताया कि प्रेरकों के मानदेय को लेकर बजट की डिमांड की गई है। धनराशि मिलते ही भुगतान कर दिया जाएगा।