अभी तो नींव पड़ी, बेसहारा मवेशी घूम रहे बेकाबू
को एक जगह संरक्षित करने के लिए गोशाला निर्माण की योजना बनाई है। यहां जिला पंचायत ने 17 स्थलों को चिन्हित किया है। जहां इसका निर्माण कराया जाना है। कुछ स्थानों पर इसका शिलान्यास किया गया है। फिलहाल जिले में बेसहारा पशुओं के लिए स्थाई स्थान
गोंडा : सरकार ने बेसहारा पशुओं को एक जगह संरक्षित करने के लिए गोशाला निर्माण की योजना बनाई है। यहां जिला पंचायत ने 17 स्थलों को चिन्हित किया है। कुछ स्थानों पर शिलान्यास भी हो चुका है लेकिन, अबतक बेसहारा मवेशियों को इनमें संरक्षित किए जाने की व्यवस्था मूर्तरूप नहीं ले सकी। ऐसे में बेसहारा मवेशी खेती पर ग्रहण बने हैं।
बेसहारा पशुओं को रखने के लिए अभी कौड़हा जगदीशपुर, बालपुर, असरना, कौड़िया बाजार, महाराजगंज, बसालतपुर, श्रीनगर, बाबागंज, गिलौली, वजीरगंज, खिरिया मजगंवा, मसौलिया, परसपुर, आदमपुर, नरायनपुरकला, मसकनवा, तरबगंज व परास गांव में स्थल चिन्हित किए गए हैं। यहां एक हजार से अधिक पशुओं को रखे जाने की योजना है। 3.90 करोड़ से गोशाला का विकास होगा। सबसे बड़ी गोशाला इटियाथोक के बसालतपुर में खुलेगी। बताया जा रहा है कि यहां 250 पशु रखे जा सकेंगे। इसी तरह दूसरी गोशालाओं में भी पर्याप्त संख्या में पशु संरक्षित किए जाएंगे। सीएम के आदेश के बाद गोशाला निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ है लेकिन, इसके बनने में अभी समय है।
मनकापुर के सिसवा गांव में करुणा नाम की निजी गौशाला है। इसमें 84 गोवंश हैं। सरकार इनके चारे के लिए पांच रुपये प्रतिदिन के हिसाब से अनुदान देती है। संचालक विद्या प्रसाद शुक्ल का कहना है कि इस समय 50 से 60 रुपये प्रति पशु खर्च आ रहा है। ऐसे में सरकार द्वारा दी जाने वाली मदद नाकाफी है।