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बेलसर में फिर बदली सियासी हवा

- जबरनगर से पप्पू सिंह परास के भाई निर्विरोध बीडीसी निर्वाचित - ब्लॉक प्रमुख पद के लिए दावेदार

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Jun 2021 11:33 PM (IST)Updated: Mon, 07 Jun 2021 11:33 PM (IST)
बेलसर में फिर बदली सियासी हवा
बेलसर में फिर बदली सियासी हवा

- जबरनगर से पप्पू सिंह परास के भाई निर्विरोध बीडीसी निर्वाचित

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- ब्लॉक प्रमुख पद के लिए दावेदारी, घर-घर जाकर मांग रहे समर्थन

संसू, गोंडा : बेलसर में एक बार फिर सियासी हवा बदलने लगी है। जबरनगर सीट से स्वर्गीय पप्पू सिंह परास के भाई राजेंद्र प्रताप गुड्डू सिंह निर्विरोध बीडीसी चुन लिए गए हैं। ऐसे में उनकी ब्लॉक प्रमुख पद को लेकर दावेदारी प्रबल हो गई है। बीडीसी सदस्यों के घर जाकर समर्थन मांगने का सिलसिला भी शुरू हो गया है।

बेलसर में ब्लॉक प्रमुख पर दिग्गजों की नजरें जमीं हुई हैं। यहां कुछ माह पूर्व भाजपा में शामिल हुए इंद्र बहादुर उर्फ पप्पू सिंह परास के समर्थक ब्लॉक प्रमुख थे। इस बार ये सीट अनारक्षित है। ऐसे में पप्पू सिंह परास जबरनगर से बीडीसी निर्वाचित हुए थे। इस कुर्सी पर अपनों को बैठाने के लिए एक माननीय ने भी सियासी गोटियां बिछाई थीं। इसी बीच पप्पू सिंह परास का बीमारी के कारण निधन हो गया। ऐसे में कुछ और दावेदारों के मन में उम्मीदें हिलोरें मारने लगीं। उधर, माननीय के रिश्तेदार ने अपनी जीत पक्की समझ ली। कुछ सदस्यों को मिठाई के डिब्बे के साथ उपहार भी मिला तो कुछ छूट गए। हर कोई ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी पर एक नए दावेदार की जीत पक्की मान रहा था। इसी बीच 31 मई को राज्य निर्वाचन आयोग ने रिक्त पदों पर चुनाव को लेकर ऐलान कर दिया। जबरनगर सीट से बीडीसी के लिए पप्पू सिंह परास के बेटे मयंक सिंह व भाई राजेंद्र प्रताप उर्फ गुड्डू सिंह ने पर्चा भरा था। सोमवार को मयंक सिंह ने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया। ऐसे में गुड्डू सिंह निर्विरोध बीडीसी चुन लिए गए। अब ब्लॉक प्रमुख पद के लिए उनकी दावेदारी मजबूत हो गई है।

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बड़ी कुर्सी के लिए देनी पड़ सकती है कुर्बानी

- जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए चुनाव भी जल्द होने वाले हैं। भाजपा के पास अभी सिर्फ 31 सदस्यों का समर्थन है। जीत के लिए कम से कम दो और सदस्यों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी। पप्पू सिंह परास की समर्थक मीना भी इस बार जिपं सदस्य चुनी गई हैं। ऐसे में माननीय को बड़ी कुर्सी के लिए छोटी कुर्सी की कुर्बानी देनी पड़ सकती है।


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