Move to Jagran APP

फैजान जल्द सुन सकेगा अब , जुबां से निकले अल्फाज

- राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम बनी वरदान फैजान का हुआ इलाज नंदलाल तिवारी गोंडा राष्ट्री

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Apr 2021 10:41 PM (IST)Updated: Wed, 07 Apr 2021 10:41 PM (IST)
फैजान जल्द सुन सकेगा अब , जुबां से निकले अल्फाज
फैजान जल्द सुन सकेगा अब , जुबां से निकले अल्फाज

- राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम बनी वरदान, फैजान का हुआ इलाज

prime article banner

नंदलाल तिवारी, गोंडा: राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम पांच वर्ष के फैजान के जीवन में खुशियों की एक नई उम्मीद बनकर आया है। पहले उसे कुछ सुनाई नहीं देता था, ऐसे में स्क्रीनिग करके उसका आपरेशन किया गया। जल्द ही वह दुनिया की बातों को सुन सकेगा।

कर्नलगंज निवासी निजामुद्दीन बताते हैं कि छोटा बेटा फैजान जब पैदा हुआ तो देखने में वह काफी खूबसूरत और तंदुरुस्त था। उसे देख पूरा परिवार बहुत खुश था लेकिन, जब फैजान बड़ा होने लगा तो चिता बढ़ गई। किसी के बुलाने या आवा•ा लगाने पर वह मौखिक या शारीरिक कोई जवाब नहीं दे रहा था। स्थानीय चिकित्सकों को दिखाया, तो पता चला कि फैजान को सुनने में दिक्कत है। कुछ सुन न पाने के कारण वह किसी के आवाज का कोई उत्तर नहीं दे रहा था। इसी बीच आंगनबाड़ी केंद्र पर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम ने पहुंचकर उसकी स्क्रीनिग की।

कार्यक्रम समन्वयक उमाशंकर वर्मा ने बताया कि फैजान के निश्शुल्क कॉक्लियर इम्प्लांट की जानकारी दी। बाद में डॉ. एसएन सिंह मेहरोत्रा ईएनटी फाउंडेशन कानपुर में इलाज हुआ। डाक्टरों का कहना है कि अभी लगभग छह महीने तक फैजान को थेरैपी देना पड़ेगा, इसके बाद वह सामान्य बच्चों की तरह बोल व सुन सकेगा। वैसे अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के दौरान जन्मजात विकृतियों वाले 84 बच्चों का आपरेशन हुआ।

--------------

विशेषज्ञ के बोल

- जिला चिकित्सालय के नाक, कान व गला रोग विशेषज्ञ डॉ. पीएन राय ने बताया कि कॉक्लियर इम्प्लांट की मदद से मूक-बधिर बच्चे बोलने भी लगते हैं। बच्चों में ऐसी जन्मजात विकृतियों का जल्द से जल्द स्क्रीनिग कर उनका इलाज करवाने से फायदा होता है।

--------------

जिम्मेदार के बोल

-एसीएमओ डॉ. एपी सिंह के अनुसार, कॉक्लियर इम्प्लांट में लगभग 5 लाख का खर्च आता है, जिसका भुगतान राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सरकार करती है। ऐसे बच्चे, जो गंभीर रूप से सुनने में असमर्थ हैं, उन्हें सुनने की मशीन से ज्यादा फायदा नहीं होता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.