फर्जी गिरफ्तारी में कोतवाल समेत छह पुलिसकर्मी फंसे
मानवाधिकार आयोग में हुई शिकायत पर बहराइच पुलिस ने की जांच आइजी ने एसपी से तलब की आख्या कार्रवाई के दिए निर्देश
गोंडा: युवक को घर से लाकर दो दिन बाद अवैध शस्त्र के साथ गिरफ्तारी दिखाना पुलिस कर्मियों को महंगा पड़ गया। मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर बहराइच पुलिस की जांच में कर्नलगंज कोतवाल समेत छह पुलिसकर्मी दोषी पाए गए हैं। देवीपाटन परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक डा. राकेश सिंह ने एसपी गोंडा को दोषियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
कर्नलगंज के ग्राम चतरौली निवासी देवेंद्र प्रताप सिंह ने मानवाधिकार आयोग में शिकायत की थी कि उसके भतीजे अद्रोंण प्रताप सिंह उर्फ राजवीर को 12 अगस्त की रात एक बजे घर से पुलिस उठा ले गई थी। स्वजन को इस बारे में कुछ पता भी नहीं चला। इसकी सूचना डायल 112 पुलिस को दी गई। पुलिसकर्मी पहुंचे और कोतवाली जाकर पता करने की बात कही
इस पर कोतवाली पहुंचे स्वजन को प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि संबंधित युवक की फोटो वायरल होने के कारण पुलिस उसे लाई है।
आरोप है कि 14 अगस्त को चचरी मार्ग स्थित विवियापुर अवधूत नगर तिराहे पर तमंचा व कारतूस के साथ युवक की पुलिस ने गिरफ्तारी दिखाकर शस्त्र अधिनियम का मुकदमा कर दिया। शिकायत पर मानवाधिकार आयोग ने मामले की जांच के आदेश दिए।
बहराइच जिले के कैसरगंज सीओ की जांच में प्रभारी निरीक्षक कर्नलगंज प्रदीप कुमार सिंह, उपनिरीक्षक कौशल किशोर भार्गव, उप निरीक्षक बृजेश कुमार गुप्त, मुख्य आरक्षी गिरजाशंकर व राजू सिंह तथा आरक्षी सतेंद्र कुमार द्वितीय दोषी पाए गए हैं। पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्र का कहना है कि इस संबंध में कार्रवाई के लिए अपर पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए गए हैं।
एसपी से मांगी रिपोर्ट
-आइजी डा. राकेश सिंह ने बताया कि जांच में छह पुलिसकर्मी दोषी पाए गए हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए एसपी को पत्र लिखा गया है। मानवाधिकार आयोग को रिपोर्ट भेजी जा रही है।