20 रुपये दीजिए और लगवाइए इंजेक्शन
बलरामपुर : प्रदेश सरकार भले ही सरकारी अस्पतालों की सूरत संवारने के लिए लाखों रुपये प्र
बलरामपुर : प्रदेश सरकार भले ही सरकारी अस्पतालों की सूरत संवारने के लिए लाखों रुपये प्रतिमाह पानी की तरह बहा रही हो लेकिन, अधिकारियों की लापरवाही के चलते जरूरतमंदों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। स्वास्थ्य केंद्रों पर समय से चिकित्सकों के न बैठने से मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ता है। बावजूद इसके अधिकारी धरातल पर नहीं उतर रहे हैं। अस्पतालों से आए दिन चिकित्सक नदारद रहते हैं। जिससे मरीजों का इलाज नहीं हो पाता है। उमस भरी गर्मी में अस्पताल में मरीजों को पंखे की हवा तक नसीब नहीं होती है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सादुल्लाहनगर में अव्यवस्थाओं का अंबार है। दवाएं बाहर से लिखी जाती है। जिससे मरीजों व तीमारदारों की जेबें कट रही हैं।
²श्य एक : समय नौ बजे। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पर्चा काउंटर पर मरीजों की कतार लगी थी। ओपीडी का पर्चा लेने के लिए लोग धक्का मुक्की करते नजर आए। काउंटर पर तैनात कर्मचारी ने बताया कि 40 पर्ची काटा जा चुका है।
²श्य दो : 9.16 बजे। केंद्र में डॉ. जमीर की कुर्सी खाली मिली। बरामदे में मरीज बैठे चिकित्सक का इंतजार कर रहे थे। डॉ. विकास ¨सह की कुर्सी खाली मिली। महिला चिकित्सक शायमा मुईद का भी कक्ष बंद था। डॉ. मनसालाल अपने कक्ष में मरीज देख रहे थे।
²श्य तीन : समय 9.25। मरीज शिवशंकर निवासी बभनपुरवा ने बताया कि आठ बजे वह अस्पताल पहुंच गया था। अभी डॉक्टर साहब नहीं आएं हैं। अताउल्लाह निवासी नौडिहवा ने बताया कि कहने को सरकारी अस्पताल है। यहां बाहर की दवाएं लिखी जाती हैं। जिसे खरीदना उन लोगों के बस की बात नहीं है। मलीउदुनिशा ने बताया की उसे कुत्ते ने काट लिया था। वह एआरवी लगवाने के लिए आया था। उससे 20 रुपये इंजेक्शन लगवाने के नाम पर वसूल लिए गए। सि¨रज भी बाहर से लानी पड़ी। पसीने से तरबतर जहीरूनिशा अस्पताल के बाहर जमीन पर बैठी हुई थी। उसने बताया कि अंदर पंखा बंद है। आयसा खातून ने बताया कि हल्की सी परेशानी होने के बाद डॉक्टर साहब ने बाहर से दवा लिख दिया है।
²श्य चार : अस्पताल परिसर में निष्प्रयोज्य दवाएं जल रही थी। जिसका धुआं परिसर में पसरा हुआ था। गंदगी के कारण मच्छर भनभना रहे थे। एक इंडिया मार्का हैंडपंप लगा हुआ है। जो कई माह से खराब है। पानी के लिए मरीज व तीमारदार इधर-उधर होटलों तक दौड़ लगाने को विवश हैं।
जिम्मेदार के बोल :
-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक डॉ. सुजीत कुमार पांडेय ने बताया कि जो चिकित्सक गायब हैं। उन पर कार्रवाई की जाएगी। बाहरी दवा लिखने व सुविधा शुल्क लेने की जांच की जाएगी। अस्पताल की व्यवस्था सुधारने का प्रयास किया जा रहा है।