अब सासू मां से मन की बात साझा करेंगी बहू
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गोंडा : परिवार नियोजन जैसे मसलों पर अमूमन महिलाएं खुलकर बात नहीं कर पाती। वह हिचकिचाती हैं। मन में कई शंकाएं होती हैं, कई सारे सवाल होते हैं। जिसके बारे में वह किसी से कोई चर्चा नहीं करती है। जिससे उनकी समस्या कम होने के बजाय बढ़ जाती है। शायद यही वजह है कि जिले में सकल प्रजनन दर चार है। इसे कम करने के लिए विभाग काफी कुछ कर रहा है लेकिन, उसमें कोई सुधार नहीं हो रहा है। ऐसे में अब विभाग ने योजना बनाई है। जिसके तहत आशा व एएनएम को जिम्मेदारी दी जा रही है। वह सास-बहू को आमने-सामने बैठाकर मन की बात कराएंगी, जिससे झिझक दूर हो। साथ ही वह परिवार नियोजन जैसे विषयों पर खुलकर बात कर सकें।
क्या है स्थिति :- जिले में परिवार नियोजन को लेकर कई सारी योजनाओं को संचालित करने के बाद भी स्थिति ठीक नहीं है। यहां पर औसतन आंकड़ा प्रति विवाहित जोड़ा चार बच्चों का है। अप्रैल से सितंबर तक जिले में कुल 423 महिलाओं ने नसबंदी कराई है। 3041 महिलाओं ने कापर टी लगवाया है। 12 हजार महिलाओं ने ओरल पिल्स की सुविधा ली है। क्या है योजना
- विभाग ने गर्भ निरोधक दिवस से इस नई व्यवस्था की शुरूआत की है। जिसके तहत सास बहू के बीच बैठक कराई जाएगी। जिसमें विविध कार्यक्रमों के साथ ही बातचीत कराई जाएगी। परिवार नियोजन से संबंधित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी कराई जाएगी। कोट
जन्म के समय अंतर सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता आवश्यक है। नव दंपतियों को शादी के दो साल बाद पहला बच्चा, पहले और दूसरे बच्चे के बीच तीन साल का अंतर और उसके बाद नसबंदी करवाने का परामर्श दिया जा रहा है। इसी के तहत यह प्रयास किया जा रहा है।
- आनंद सिंह, जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ।