कूड़े से निजात के लिए पालिका की घर-घर दस्तक
शहर के 16 वार्डों में चल रहा डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन अभियान
गोंडा: शहर को गंदगी के दाग से मुक्ति के लिए कई सारे प्रयास चल रहे हैं। लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्हें जिम्मेदारी का अहसास कराया जा रहा है। मुहल्लों में समितियों का गठन किया गया है। कचरे से आजादी में सबसे प्रभावशाली असर डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन डाल रहा है। औसतन शहर में प्रतिदिन 40 टन कचरा निकाला जा रहा है।
शहर में कुल 27 वार्ड हैं, जिसमें करीब डेढ़ लाख की आबादी रह रही है। अभी यहां पर सीवर लाइन का प्रोजेक्ट हवा में है। वैसे कई बार इसकी मांग की गई। यह बात अलग है कि शहर को कचरे से आजादी दिलाने के लिए नगर पालिका ने शहर के मेवातियान, राजेंद्र नगर, जिगरगंज, रकाबगंज, शास्त्रीनगर, तोपखाना, दयानंदनगर, सुभाषनगर, आवास विकास प्रथम व दितीय, साहबगंज, छेदीपुरवा, मालवीय नगर, राधाकुंड, स्टेशन रोड सहित 16 वार्डों में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था की है। यहां पर प्रतिदिन सफाई कर्मचारी वाहन लेकर पहुंचते हैं। घरों से निकलने वाले कचरे को कूड़ा गाड़ी में डालकर उसका निस्तारण कराया जाता है। इसके लिए पालिका ने 411 सफाई कर्मियों की टीम लगा रखी है। जिस पर नजर रखने के लिए तीन सफाई निरीक्षक तैनात है।
दो पॉलियों में होती है सफाई
- शहर में दो पॉलियों में पालिकाकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है। सुबह व दोपहर में होने वाली सफाई के साथ ही वार्डों में गठित समितियों को भी सक्रिय किया जाता है। स्वच्छता कार्य की निगरानी वाट्सएप ग्रुप से की जाती है। जिसके माध्यम से निर्देश जारी किए जाते हैं। लगा चुका है दाग
- वर्ष 2017 में स्वच्छ सर्वेक्षण में गोंडा पर देश में सबसे नीचे पायदान पर मिला था। जिसके बाद खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नगर पालिका का भ्रमण करना पड़ा था। हालांकि इसके बाद काफी कुछ प्रयास किए गए हैं।
शहर को साफ सुथरा बनाना है लक्ष्य
- पालिकाध्यक्ष उजमा राशिद का कहना है कि शहर को साफ सुथरा रखना ही लक्ष्य है। इसके लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। कोरोना संकट के बीच भी नियमित तौर पर सफाई कराई जा रही है। जिससे लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े।