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ओडीएफ में चल रहा खेल, सत्यापन में अफसर फेल

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By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Feb 2019 10:00 AM (IST)Updated: Fri, 15 Feb 2019 10:00 AM (IST)
ओडीएफ में चल रहा खेल, सत्यापन में अफसर फेल
ओडीएफ में चल रहा खेल, सत्यापन में अफसर फेल

गोंडा : स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) का खेल सिर्फ कागजों पर चल रहा है। हकीकत तो ये है कि ब्लॉक व जिले स्तर से ओडीएफ घोषित गांवों का सत्यापन तक अफसर नहीं कर पा रहे हैं। सत्यापन के मामले में गोंडा समेत 15 जिले सबसे फिसड्डी साबित हुए हैं। इन जिलों में 30028 राजस्व गांवों के सापेक्ष सिर्फ 18102 गांव ओडीएफ सत्यापित हो चुके हैं। जबकि 11926 गांवों का सत्यापन तक अफसर नहीं कर सके। यहां कई गांव तो सत्यापन में अस्वीकृत हो गए। ऐसे गांवों की कमियों को दूर करने के साथ ही अतिरिक्त टीम लगाकर सत्यापन कराने के फरमान जारी किए गए हैं। इनसेट

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क्या है सत्यापन की व्यवस्था

-स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत ग्राम पंचायतें गांव ओडीएफ होने पर बैठक में प्रस्ताव पास करती हैं। इसके बाद प्रस्ताव ब्लॉक मुख्यालय पर भेजा जाता है। ब्लॉक स्तरीय टीम की जांच में गांव पास होने पर जिला स्तरीय समिति को भेज दिया जाता है। जिला व मंडलीय स्तरीय कमेटी सत्यापन के बाद राज्य स्तरीय कमेटी को प्रस्ताव भेजती है। राज्य स्तर पर पड़ताल के बाद गांव को ओडीएफ घोषित करके भारत सरकार को रिपोर्ट भेजी जाती है। तय अवधि के अनुसार 31 दिसंबर 2018 को ही सभी गांव बेसलाइन सर्वे के अनुसार ओडीएफ घोषित किए जा चुके हैं। डीपीआरओ को दिए निर्देश

-जिले स्तर से ओडीएफ घोषित ग्रामों, मंडल स्तर से निरस्त व 90 दिन पूर्व ओडीएफ घोषित गांव का सत्यापन अतिरिक्त टीम बनाकर कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। मिशन निदेशक आकाशदीप ने अफसरों को पत्र लिखा है। डीएम कैप्टन प्रभांशु श्रीवास्तव ने डीपीआरओ गोंडा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कार्य पूरा कराने का निर्देश दिया है। इनसेट

किस जिले में क्या है स्थिति

जिला कुल गांव लंबित

सिद्धार्थनगर 2486 1680

सोनभद्र 1403 862

बलिया 1844 1002

आजमगढ़ 3726 1826

एटा 855 394

मैनपुरी 808 333

बस्ती 3072 1240

प्रयागराज 2789 1099

प्रतापगढ़ 2203 804

मऊ 2462 496

कुशीनगर 1540 494

बहराइच 1386 379

संतकबीरनगर 1605 423

गोंडा 1815 439

देवरिया 2034 455


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