रिपोर्ट दर्ज करने के बाद कार्रवाई की इतिश्री
गोंडा : जिले में विभिन्न विभागों में करोड़ों रुपये के घोटाले पकड़े गए। आरोपी अधिकारी व
गोंडा : जिले में विभिन्न विभागों में करोड़ों रुपये के घोटाले पकड़े गए। आरोपी अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई लेकिन पुलिस ने मामले में एफआइआर दर्ज करने के बाद कार्रवाई के लिए कदम बढ़ाया तो उस कभी कागज नहीं मिले तो कभी आरोपी का पता ठिकाना भी नहीं मिला। वहीं विभागीय स्तर से पैरवी की धीमी चाल से रिकवरी के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिससे आरोपी खुले में घूम रहे हैं।
हजारों ¨क्वटल खाद्यान्न के गमन की बात हो या फिर विभिन्न परियोजनाओं में करोड़ों के घोटाले का मामला। विभिन्न स्तरों से हुई जांच में पकड़े गए अनियिमतता पर थानों में मुकदमा दर्ज कराकर विभागीय अधिकारी कार्रवाई का कोरम तो पूरा कर लेते हैं लेकिन पैरवी के अभाव अधिकांश मामले दाखिल दफ्तर हो जाते हैं। दशक भर पहले मजिस्ट्रेट के छापे मारी में आवश्यक वस्तु निगम के झंझरी व पंड़री कृपाल खाद्यान्न गोदाम में गरीबों के लिए आवंटित 11 हजार गेहूं और चावल की बोरी गायब मिली थी। इस पर तत्तकालीन जिला पूर्ति अधिकारी की तहरीर पर नगर कोतवाली में तत्तकालीन गोदाम प्रभारी नंदू के खिलाफ गबन सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसी तरह बेलसर , इटियाथोक , कटराबाजार,के खाद्यान्न गोदाम से भी खाद्यान्न गबन का मामला पकड़ा जा चुका है। इन मामलों का मुकदमा तत्कालीन गोदाम प्रभारियों के खिलाफ दर्ज कराया लेकिन पैरवी के अभाव में मुकदमें दम तोड़ते नजर आ रहें हैं। जिला पूर्ति अधिकारी राजीव कुमार का कहना है कि दर्ज मुकदमों की पैरवी की जाती है। कुछ मामले न्यायालय में भी लंबित हैं उनकी भी की भी पैरवी की जाती है। दूसरी तरफ विकास के विभिन्न कार्यक्रमों में घपला करने के मामले में भी नगर, देहात, कटरा बाजार सहित अन्य थानों धोखाधड़ी, गबन सहित कई मामलों के मुकदमे दर्ज हुए हैं।
सभी जांच क्राइम ब्रांच को
पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार ¨सह ने बताया कि गबन, घोटाले के दर्ज मुकदमों की विवेचना क्राइम ब्रांच को दे दी गई है। संबंधित विभागों को विवेचना से संबंधित अभिलेख उपलब्ध कराने के लिए क्राइम ब्रान्च के माध्यम से पत्र भेजा गया है।