त्रासदी में बच गई जान, बाढ़ में 19.23 करोड़ का नुकसान
बाढ़ की त्रासदी में इस बार सबसे कम नुकसान हुआ है। प्रशासन द्वारा कराए गए सर्वे में
गोंडा : बाढ़ की त्रासदी में इस बार सबसे कम नुकसान हुआ है। प्रशासन द्वारा कराए गए सर्वे में 19.23 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया गया है। सबसे ज्यादा नुकसान सार्वजनिक संपत्तियों का हुआ। इस बार न तो किसी व्यक्ति को बाढ़ में अपनी जान गंवानी पड़ी और न ही किसी का घर बाढ़ की भेंट चढ़ा। पशु के रूप में सिर्फ एक बकरी की मौत हुई। 16.5 हेक्टेअर में फसलों के नुकसान का अनुमान लगाया गया है। तरबगंज तहसील के ऐलीपरसौली में एक स्कूल भवन जरूर कटान की भेंट चढ़ गया, जबकि सड़क, पुलिया के साथ ही अन्य सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा। बाढ़ की जद में जिले के 13 गांव आए, जिसमें से 3,976 लोग प्रभावित हुए। फिलहाल, क्षति का आकलन करके रिपोर्ट शासन को भेजी गई है।
फैक्ट फाइल
बाढ़ प्रभावित तहसील-दो
प्रभावित गांव-13
प्रभावित आबादी-3,976
प्रभावित भूमि-1,167 हेक्टेअर
बोया गया क्षेत्रफल-2.80 लाख हेक्टेअर
33 प्रतिशत से ज्यादा प्रभावित क्षेत्रफल-16.5 2.67 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज
नदियों के जलस्तर में इस बार उतार-चढ़ाव जारी रहा। नदी खतरे का निशान तो पार कर गई लेकिन, गत वर्ष से जलस्तर नीचे रहा। इस बार सबसे ज्यादा 2.67 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ। इससे जलस्तर तो बढ़ा लेकिन, स्थिति काबू में रही। सबसे ज्यादा नुकसान कर्नलगंज क्षेत्र में हुआ।
सलामत रहा तटबंध
बाढ़ में इस बार तटबंध भी सलामत रहा। जलस्तर में उतार-चढ़ाव से कटान तो हुई लेकिन, तटबंध बच गया। कर्नलगंज में पांच किलोमीटर के दायरे में नया तटबंध भी बन रहा है। कटान के चलते करीब चार करोड़ रुपये का नुकसान सिचाई विभाग को हुआ है। एक्सईएन बाढ़ कार्यखंड बीएन शुक्ल ने बताया कि तटबंध के मरम्मत की कवायद चल रही है।