कचरे से कमाई भी करेंगी ग्राम पंचायतें
तरल अपशिष्ट के तहत ब्लैक व ग्रे वॉटर को तालाब व नालियों में जाने से रोका जाएगा। सेप्टिक टैंक से निकलने वाले ब्लैक वॉटर के लिए सोकपिट बनाया जाएगा। जबकि बॉथरूम व किचेन का पानी पास में ही किचेन गार्डेन के लिए उपयोग होगा।
वरुण यादव, गोंडा : घरेलू कचरा हो या फिर पॉलीथिन। ये सब अब पंचायतों में गंदगी नहीं, बल्कि कमाई का जरिया बनेंगे। गांव को खुले में शौच मुक्त के साथ ही स्वच्छ बनाए रखने के लिए विश्व बैंक ग्राम पंचायतों की कमाई का दरवाजा भी खोलेगा। घरेलू कचरे से खाद तैयार करने के साथ ही अन्य कचरे से जरूरत की चीजें बनवाई जाएंगी। इसे बाजार से जोड़ने में विश्व बैंक मदद करेगा। पहले चरण में गोंडा समेत 37 जिले में एक-एक मॉडल ग्राम पंचायत बनाने का फैसला किया गया है। विश्व बैंक की टीम ने गांवों में पहुंचकर सर्वे भी शुरू कर दिया है। ग्राम पंचायतों को मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए एक्शन प्लान मांगा गया है। इनसेट
वेस्ट नहीं अब रिसोर्स
विश्व बैंक पहले सॉलिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट (एसएलडब्लूएम) कार्यक्रम चला रहा था, लेकिन अब इसका नाम सॉलिड एंड लिक्विड रिसोर्स फिसेल स्लग मैनेजमेंट (एसएलआरएफएसएम) कर दिया गया है। अब कूड़ा-कचरा का निस्तारण नहीं, बल्कि आमदनी का तरीका बनाया गया है। कार्यक्रम के तहत स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अतिरिक्त विश्व बैंक भी पंचायतों को पैसा देगा। जिससे बेहतर प्रबंधन हो सके। क्या है प्लान
-ठोस कचरा प्रबंधन के लिए घरेलू कचरे को एक जगह इकट्ठा किया जाएगा। सब्जी के छिलके, गोबर आदि को मिलाकर खाद तैयार की जाएगी। इसके अलावा पॉलीथिन को भी इकट्ठा कराकर उपयोग योग्य वस्तुएं महिलाएं तैयार करेंगी। तरल अपशिष्ट के तहत ब्लैक व ग्रे वाटर को तालाब व नालियों में जाने से रोका जाएगा। सेप्टिक टैंक से निकलने वाले ब्लैक वॉटर के लिए सोकपिट बनाया जाएगा। जबकि बाथरूम व किचन का पानी पास में ही किचन गार्डन के लिए उपयोग होगा। विश्व बैंक की टीम ने किया दौरा
-विश्व बैंक के राज्य सलाहकार विवेक गंगवार ने कर्नलगंज की ग्राम पंचायत पारा का दौरा किया है। गांव में सुबह-शाम ग्रामीणों के साथ बैठक करके कार्यक्रम के बारे में जानकारी देने के साथ ही फीडबैक लिया। गांव में बने शौचालय व उपयोग की जानकारी के साथ ही पंचायत के आय को लेकर भी चर्चा की गई। निरीक्षण के दौरान जिला कंसलटेंट अरुण शैलेंद्र ¨सह यादव ने बताया कि गांव खुले में शौच मुक्त हो चुका है। डीपीआरओ घनश्याम सागर का कहना है कि विश्व बैंक की टीम जिले में भ्रमण के लिए आई थी। कार्यक्रम को लेकर सहयोग किया जा रहा है।