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15 गांवों में जीवन दुश्वार, सौ बीघा फसलें तबाह

संसू तरबगंज (गोंडा) तहसील क्षेत्र के 15 मजरों आई बाढ़ ने लोगों के दैनिक जीवन को दुश्वार कर दिया है। अब तक सौ बीघे फसलें बाढ़ की भेंट चढ़ चुकी है। उधर प्रशासन बाढ़ प्रभावितों के लिए व्यवस्था की बात कर रहा है लेकिन धरातल पर नजारा कुछ अलग ही दिखता है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Sep 2019 10:48 PM (IST)Updated: Sun, 22 Sep 2019 06:26 AM (IST)
15 गांवों में जीवन दुश्वार, सौ बीघा फसलें तबाह
15 गांवों में जीवन दुश्वार, सौ बीघा फसलें तबाह

गोंडा: तहसील क्षेत्र के 15 मजरों आई बाढ़ ने लोगों के दैनिक जीवन को दुश्वार कर दिया है। अब तक सौ बीघा फसलें बाढ़ की भेंट चढ़ चुकी हैं। प्रशासन बाढ़ प्रभावितों के लिए व्यवस्था की बात कर रहा है लेकिन, धरातल पर नजारा कुछ अलग ही दिखता है।

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कागज में 12 बाढ़ चौकियां सक्रिय हैं लेकिन, मौके पर हालात कुछ अलग ही हैं। सबसे ज्यादा परेशानी पशुपालकों को हो रही है। चारे के लिए रोज जान जोखिम में डालकर बाढ़ के पानी के बीच से गुजरते हैं। इसके बावजूद कहीं भी चारे व्यवस्था नहीं कराई गई है। घरों में पानी भर जाने से खाने से लेकर पीने तक के पानी के लिए कठिनाई उठानी पड़ रही है। आंकड़ों के अनुसार बाढ़ से तहसील के 1806 लोग प्रभावित हैं। गढ़ी और महेशपुर गांव के लोगों का आवागमन बाधित है। नाव ही सहारा है। बाढ़ की जद में आने से अब तक ऐली, गढ़ी और जैतपुर में 32 झोपड़ी नष्ट हो चुकी है। प्रशासन की ओर से कुल 12 नावों का संचालन सात गांवों में किया जा रहा है, जो नाकाफी साबित हो रही है। बाढ़ के चलते बहादुरपुर में एक पशु की मौत चुकी है, जबकि दो लोगों की मौत सर्पदंश से हुई। -हाल में ही चार्ज संभाला गया है। अभी शासकीय कार्य की व्यस्तता के कारण बाढ़ क्षेत्र नहीं जा पाया हूं। जल्द ही निरीक्षण कर अपेक्षित सुधार किए जाएंगे।

-राजेश कुमार, एसडीएम तरबगंज।


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