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शक्ति रूपेण संस्थिता: यहां कुएं पर विराजमान हैं देवी, आएं श्री महागौरी सिद्ध शक्तिपीठ बभनान

यहां पहुंचने के लिए मुख्य साधन ट्रेन है। बभनान रेलवे स्टेशन से 500 मीटर दूर बाजार के दक्षिण मंदिर है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 10:14 PM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 10:14 PM (IST)
शक्ति रूपेण संस्थिता: यहां कुएं पर विराजमान हैं देवी, आएं श्री महागौरी सिद्ध शक्तिपीठ बभनान
शक्ति रूपेण संस्थिता: यहां कुएं पर विराजमान हैं देवी, आएं श्री महागौरी सिद्ध शक्तिपीठ बभनान

गोंडा: जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर पूरब दिशा में श्री महागौरी सिद्ध शक्तिपीठ बभनान मंदिर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए मुख्य साधन ट्रेन है। बभनान रेलवे स्टेशन से 500 मीटर दूर बाजार के दक्षिण मंदिर है। इसके अलावा निजी वाहनों से भी यहां पहुंचा जा सकता है। इस मंदिर की पूरे क्षेत्र में बहुत मान्यता है। यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है।

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इतिहास

-मान्यता है कि यह मंदिर महाभारत काल का है। अज्ञातवास के दौरान मंदिर पांडवों ने स्थापित कर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की थी। विध्यवासिनी देवी की छवि के साथ-साथ यहां मां कामाख्या देवी की शक्ति भी विराजमान हैं। साधु, संतों व स्थानीय लोगों के मुताबिक मंदिर का मूल कामाख्या देवी से भी जोड़ा जाता है। मान्यता है कि यहां कोई भी कामाख्या देवी का नाम लेकर कुछ भी मांग रखता है तो वह अवश्य पूरी होती है। नवरात्र में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रहती है। मंदिर के गर्भगृह के नीचे एक विशाल कुआं है और इसी पर माता का आसन है।

विशेषता

-मंदिर के बाहरी दीवार पर नवदुर्गा व दस महाविद्या शक्ति देवियों की प्रतिमा स्थापित है। मंदिर के प्रांगण में माता गायत्री, नरसिंह भगवान, दत्तात्रेय, शनि देव, महाकाली की प्रतिमा व शिवलिग भी स्थापित है। हाल ही में राधा-कृष्ण व राम दरबार को भी स्थापित किया गया है। पवन पुत्र पंचमुखी हनुमानजी की भव्य मूर्ति स्थापित है। मंदिर पर हर नवरात्र के महीने में अष्टमी के दिन भगवती जागरण कार्यक्रम होता है। दशमी को मंदिर पर विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है।

-यहां सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने वाले श्रद्धालुओं पर मां दुर्गा की कृपा बरसती है। नवरात्र में अष्टमी के दिन भगवती जागरण कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। स्थानीय लोग ही पूरी व्यवस्था की देखरेख करते हैं।

-विजय कुमार, पुजारी -इस मंदिर की बहुत मान्यता है। यहां पूजन-अर्चन करने से जीवन के सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं। मातारानी का आशीर्वाद से ही वह जीवित हैं। यहां दूर-दूर से लोग आते हैं। मां भगवती उनकी मुरादें पूरी करती हैं।

-अंकित कसौंधन, श्रद्धालु


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