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सीडीपीओ को नहीं मालूम, कौन सा विद्यालय उन्हें मिला

गोंडा: स्कूलों की सूरत व सीरत बदलने के लिए सरकार चाहे जो प्रयास करे, जिम्मेदारों की अनदेख

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Dec 2017 11:10 PM (IST)Updated: Thu, 14 Dec 2017 11:10 PM (IST)
सीडीपीओ को नहीं मालूम, कौन सा विद्यालय उन्हें मिला
सीडीपीओ को नहीं मालूम, कौन सा विद्यालय उन्हें मिला

गोंडा: स्कूलों की सूरत व सीरत बदलने के लिए सरकार चाहे जो प्रयास करे, जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते ऐसी योजनाओं को पलीता लग रहा है। हालत सुधारने के लिए अधिकारियों को स्कूलों को गोद दिया गया है, लेकिन उनको ही नहीं मालूम कि उन्हें कौन सा स्कूल मिला है? इसके अलावा कहीं बच्चे गंदगी के बीच पढ़ने को विवश हैं तो कहीं लकड़ी के सहारे मिड डे मील पकाया जा रहा है। यही नहीं, शौचालयों की स्थिति भी काफी खराब है। सफाईकर्मी भी स्कूलों में झांकने नहीं जाते। हैंडपंप दूषित पानी दे रहे हैं।

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मसकनवा संवादसूत्र के अनुसार विकासखंड छपिया का प्राथमिक विद्यालय गायघाट बाल विकास परियोजना अधिकारी छपिया को आवंटित है, लेकिन उन्होंने इससे अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि मुझे जानकारी नहीं है। आदेश की प्रति मिलेगी तो चलकर देख लेंगे। प्रधानाध्यापक तिलकराम अवकाश पर रहे। सहायक अध्यापक अर्जुन प्रसाद वर्मा व शिक्षामित्र कुसुम देवी शिक्षण कार्य कर रहीं थीं। विद्यालय में नामांकित कुल 64 छात्रों में से 42 उपस्थित रहे। छात्र-छात्राओं को

ड्रेस, बैग व किताबें मिल चुकी हैं। विद्यालय में इंडिया मार्का हैंडपंप दूषित पानी दे रहा है। बाउंड्रीवाल न होने से दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जगह-जगह गंदगी है। सफाई कर्मी कभी विद्यालय नहीं आते हैं।

मनकापुर संवादसूत्र के अनुसार क्षेत्र प्राथमिक विद्यालय मझेरिया में सफाईकर्मी न आने से परिसर में गंदगी का ढेर लगा हुआ है। बच्चे टाट-पट्टी पर बैठकर पढ़ते हैं। चहारदीवारी भी नहीं है। यहां 43 छात्र व 52 छात्राएं अध्ययनरत हैं। चूल्हे पर लकड़ी के सहारे मिड डे मील बनाया जाता है। शिक्षिका ज्योत्सना शर्मा, मीरा ¨सह व सुनीता शर्मा ने बताया कि सफाईकर्मी कभी-कभार ही आता है। उक्त

विद्यालय को उपजिलाधिकारी मनकापुर उमेश चंद्र उपाध्याय ने गोद ले रखा है। एसडीएम ने बताया कि विद्यालय का निरीक्षण करके जो भी कमियां हैं उन्हें दूर किया जाएगा।

तरबगंज संवादसूत्र के अनुसार गुरुवार को प्राथमिक विद्यालय कौचिहा में कुल 76 पंजीकृत बच्चों के सापेक्ष 41 ही अध्यनरत मिले। छात्र-छात्राएं जमीन पर बैठकर पढ़ रहे थे। विद्यालय में एक शिक्षामित्र सहित चार अध्यापकों की तैनाती है जो वर्तमान में शिक्षण कार्य कर रहे थे। प्रधानाध्यापक से जब गोद लेने वाले अधिकारी के विषय में पूछा गया तो उन्होंने अनभिज्ञता जताई। फिलहाल बेसिक शिक्षा विभाग के मुताबिक अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी पंचम ने इसे गोद ले रखा है जो अब तक विद्यालय देखने ही नहीं आए हैं। स्कूल में दो हैंडपंप लगे हैं जिनसे दूषित पानी निकल रहा है। विद्यालय की जमीन पर पिछले कई वर्षों से अवैध कब्जा कर मकान निर्मित करा लिया गया है। प्रधानाध्यापक डॉ. धु्रव नरायन पांडेय

ने बताया कि मामले की जानकारी बेसिक शिक्षा अधिकारी को दी जा चुकी है।


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