जांच के लिए जिले में नहीं पहुंची प्रवर्तन निदेशालय की टीम
संसू गोंडा लखनऊ में छापेमारी में बरामद करोडों रुपये कहां से आए और इसका उपयोग हवाल
संसू, गोंडा : लखनऊ में छापेमारी में बरामद करोडों रुपये कहां से आए और इसका उपयोग हवाला कारोबार से तो नहीं जुड़ा है। इसकी पड़ताल में पुलिस सहित कई टीमें जुटी हैं। मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम पूछताछ के लिए आने वाली थी, लेकिन शाम तक टीम की आमद जिले में नहीं हो सकी। वहीं आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) व आयकर के अधिकारी पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ कर चुके हैं।
शुक्रवार की शाम कर्नलगंज पुलिस ने वाहन जांच के दौरान एक कार से 65 लाख रुपये बरामद किए थे। रुपये के साथ बढ़नी के रहने वाले दो आरोपितों को गिरफ्तार किया था। मामला नेपाल सीमा से जुड़े होने के कारण अधिकारियों ने इसकी सूचना अन्य जांच एजेंसियों को दी थी। इसके बाद लखनऊ में भी छापेमारी कर टीम ने तीन करोड़ दस लाख रुपये बरामद किए थे। साथ ही पकड़े गए दोनों आरोपितों से एटीएस की टीम ने पूछताछ की। इसके बाद आयकर विभाग के अधिकारियों ने भी पड़ताल की। मंगलवार को ईडी की टीम जिले में आकर पूरे प्रकरण की जांच करने वाले थी। शाम तक टीम की आमद नहीं हो सकी थी। माना जा रहा पूरा प्रकरण हवाला कारोबार से जुड़ा हुआ है। पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्र का कहना है कि एजेंसियों को जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही पुलिस भी सभी बिदुओं की पड़ताल कर रही है।
--------------------
वीडियो सर्विलांस सिस्टम से तेज हुई स्टेशन की निगरानी
संसू, गोंडा : सुरक्षा को लेकर रेल महकमा सतर्क हो गया है। गोंडा व मनकापुर रेलवे स्टेशन को एकीकृत सुरक्षा प्रणाली से जोड़ा गया है। स्टेशन लगाए गए सीसी कैमरे को वीडियो सर्विलांस सिस्टम से जोड़ा गया है। इससे स्टेशन की हरेक गतिविधि की निगरानी गोंडा के अतिरिक्त लखनऊ व गोरखपुर में बैठे अधिकारी भी कर सकेंगे।
गोंडा जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक से पांच तक कुल 37 सीसी कैमरे लगाए गए हैं। इस पर निगरानी के लिए आरपीएफ पोस्ट पर अलग से एक कक्ष बनाया गया है। यहां पर 24 घंटे निगरानी की व्यवस्था की गई है। इसके माध्यम से प्लेटफार्म पर यात्रियों के साथ चोरी व जहरखुरानी की घटनाओं पर रोकथाम के लिए नजर रखी जा रही है। सीसी कैमरे में जूम आउट एवं जूम इन की व्यवस्था है। इसके माध्यम से आपराधिक तत्वों की पहचान की जा सकती है। इसके माध्यम से आपरेट किया जा सकता है।
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि नई व्यवस्था में तीन स्तरीय सुरक्षा प्रणाली विकसित की गई है। इसमें मुख्यालय, मंडल एवं स्टेशन के नियंत्रण कक्ष से प्लेटफार्म एवं सरकुलेटिग एरिया पर निगरानी रखी जा रही है।