आदेश दरकिनार, स्कूलों में नहीं बना भोजन
सरकार के छात्रों को पौष्टिक भोजन देने का फरमान परवान नहीं चढ़ रहा है। यहां बीएसए ने लेकर अन्य अफसर खाना बनवाने के निर्देश दे रहे हैं। मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण स्तर से मॉनीट¨रग का दावा किया जा रहा है। बावजूद इसके एक जनवरी को 44 स्कूलों में खाना नहीं बनवाया गया। इससे छात्रों को भूखे पेट लौटना पड़ा। खंड शिक्षा अधिकारियों से जवाब तलब किया जा रहा है। वहीं, कोटेदार के खिलाफ भी कार्रवाई कराने की तैयारी की जा रही है।
गोंडा : सरकार के छात्रों को पौष्टिक भोजन देने का फरमान परवान नहीं चढ़ रहा है। यहां बीएसए ने लेकर अन्य अफसर खाना बनवाने के निर्देश दे रहे हैं। मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण स्तर से मॉनीट¨रग का दावा किया जा रहा है। बावजूद इसके एक जनवरी को 44 स्कूलों में खाना नहीं बनवाया गया। इससे छात्रों को भूखे पेट लौटना पड़ा। खंड शिक्षा अधिकारियों से जवाब तलब किया जा रहा है। वहीं, कोटेदार के खिलाफ भी कार्रवाई कराने की तैयारी की जा रही है।
गत मंगलवार को बेलसर के नौ, छपिया एक, हलधरमऊ नौ, इटियाथोक, परसपुर व झंझरी एक-एक, मनकापुर छह, मुजेहना दो, नवाबगंज व रुपईडीह के तीन तीन, तरबगंज व वजीरगंज के चार-चार स्कूलों में प्रधानाध्यापकों ने खाना नहीं बनवाया। दैनिक अनुश्रवण प्रणाली से मामला पकड़ में आया, जिसके बाद अब जवाबदेही तय करने की बात कही जा रही है। फिलहाल, इन विद्यालयों में एमडीएम योजना संचालित कराने के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। बेसिक शिक्षा अधिकारी मनिराम ¨सह ने बताया कि भोजन न बनवाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
कोटेदार नहीं देते राशन
- स्कूलों में भोजन न बनने का एक कारण कोटेदारों की मनमानी भी है। वह विद्यालय के हिस्से का राशन दबाए बैठे हैं, जिससे छात्रों को भोजन नहीं बन पाता है। मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण के जिला समन्वयक गणेश कुमार गुप्त ने बताया कि प्रधानाध्यापक से कोटेदार द्वारा राशन न देने की सूचना मांगी गई है। डीएम को स्थिति से अवगत कराकर संबंधित विक्रेता की भी जिम्मेदारी तय कराई जाएगी।