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चुनावी चौपाल : अधूरी हैं नहरें, कैसे बुझे खेतों की प्यास, किसान निराश

परसपुर ग्रामीण में दैनिक जागरण चौपाल का आयोजन। ग्रामीणों ने जल्द निर्माण पूरा कराकर खेतों तक पानी पहुंचाने की उठाई मांग। खेतों तक पानी न पहुंचने पर किसानों ने जताई नाराजगी।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 08:29 PM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 08:29 PM (IST)
चुनावी चौपाल : अधूरी हैं नहरें, कैसे बुझे खेतों की प्यास, किसान निराश
चुनावी चौपाल : अधूरी हैं नहरें, कैसे बुझे खेतों की प्यास, किसान निराश

गोंडा, जेएनएन। किसानों के खेतों की फसलों की सिंचाई के लिए तीन दशक पूर्व सरयू नहर की खुदाई कराई गई लेकिन, सिंचाई की बात तो दूर निर्माण कार्य ही पूरा न हो सका। कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र में कहने को तो नहरों का जाल बिछा है लेकिन, अभी तक इसकी कोख ही सूनी है। नहर की खुदाई के साथ ही कई स्थानों पर अभी पुल व साइफन का निर्माण भी नहीं कराया जा सका है, जिससे आवागमन में भी दिक्कतें आ रही हैं।

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इसी मुद्दे पर कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र के परसपुर ग्रामीण के पूरे बल्देव पंडित गांव के बाग में चौपाल का आयोजन किया गया। इसमें किसानों व अन्य प्रबुद्धजनों ने बेबाकी से अपनी राय रखी तथा संकट से उबारने के लिए अधूरी नहर को पूर्ण कराकर उस पर पुलों के निर्माण के साथ ही नहर में पानी चालू करने की मांग उठाई।

परसपुर ग्रामीण ग्राम पंचायत के पूरे बल्देव पंडित गांव निवासी प्रधान पति विनोद कुमार पांडेय ने कहा कि नहरों में पानी न आने से फसलों की सिंचाई में दिक्कत आ रही है। पानी के अभाव में फसलें सूख जाती हैं। सरकार का दावा है कि हर खेत को पानी मिले लेकिन, विभागीय अफसर इस दावे को फेल करने में लगे हैं।

शिक्षक ओमप्रकाश पांडेय ने कहा कि नहर में पानी न आने से जहां फसलों की सिंचाई नहीं हो पाती, वहीं पुल न होने से आवागमन में भी परेशानी होती है। राजाटोला गांव के अरविंद सिंह गूड्डू ने कहा कि गंगरौली नहर की खुदाई हुए 20 वर्ष से अधिक समय हो गया लेकिन, अभी भी यह नहर पूर्ण नहीं हो पायी। जबदा लोनिया गांव की बच्ची व बिट्टा ने कहा कि नहर की खुदाई के वक्त आस जगी थी कि फसलों की सिंचाई के लिए अब परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी लेकिन, नहर में पानी न आने से अरमानों पर पानी फिर गया।

सेवानिवृत्त परिवहन कर्मी अरुण कुमार पांडेय ने कहा कि नहर में पानी आने से जहां फसलों की सिंचाई आसान हो जाती, वहीं पटरियों पर पक्की सड़क बन जाने आवागमन में भी आसानी होती। न तो नहर में पानी छोड़ा गया और न ही पटरियों पर सड़क का ही निर्माण हुआ। आशू सिंह बोले कि कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र में सबसे बड़ी नहर तरबगंज शाखा है जो कटरा बाजार, कर्नलगंज व तरबगंज तीन विधानसभा से होकर गुजरती है। इसका निर्माण तीन दशक पूर्व हुआ था लेकिन, अभी तक अधूरा है।

दयाशंकर तिवारी बोले कि गंगरौली रजवाहा पर बल्देव पंडित गांव के सामने अभी तक पुल का निर्माण नहीं हुआ जबकि इस मार्ग से सैकड़ों लोगों का प्रतिदिन आवागमन रहता है। जितेंद्र सिंह ने कहा कि नहर की सफाई भी आधी अधूरी कराई गई है व पटरियों की मरम्मत भी ठीक से नहीं कराई गई है। अाज्ञाराम पांडेय ने कहा कि नहर व माइनर अधूरी है और सिंचाई के लिए परेशानी उठानी पड़ती है।

इसी तरह से श्यामनरायन दीक्षित, देशराज सिंह, दिलावर खां, हौसिला प्रसाद तिवारी, गूड्डू पांडेय, अवध नरायन सिंह, दीनदयाल सिंह, अशोक सिंह, देवेंद्र सिंह, शिवमोहन पांडेय, चंद्रशेखर चतुर्वेदी, वासुदेव तिवारी, राजेंद्र प्रसाद गोस्वामी, रऊफ खांं, सचिन सिंह, शिवम तिवारी, शिव बहादुर सिंह, राजेश सिंह, दासे, राधा, सीता, आदि ने नहर की समस्या पर अपनी राय बेबाकी से रखकर अधूरी नहरों को पूर्ण कराकर जल्द पानी चालू करने, पुलों के साथ ही नहर की पटरियों के निर्माण को लेकर अपनी आवाज बुलंद किया। 

खास बातें

  • 20 साल बाद भी अपूर्ण है गंगरौली नहर, खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा पानी।
  • तरबगंज शाखा तीन दशक बाद भी अधूरी, तीन विधानसभा क्षेत्र के किसान प्रभावित।
  • गंगरौली रजवाहा पर अबतक नहीं हो सका पुल का निर्माण, आवागमन प्रभावित

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