Move to Jagran APP

धान खरीद के नाम पर सरकारी धन की लूट

गोंडा समर्थन मूल्य योजना के तहत धान खरीद में सरकारी धन की लूट सामने आ रही है। बड़ी बात य

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 10:42 PM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 06:30 AM (IST)
धान खरीद के नाम पर सरकारी धन की लूट
धान खरीद के नाम पर सरकारी धन की लूट

गोंडा : समर्थन मूल्य योजना के तहत धान खरीद में सरकारी धन की लूट सामने आ रही है। बड़ी बात यह है कि अफसर कार्रवाई करने से बच रहे हैं। नामित संस्था ने खरीद के बाद भी 810 क्विंटल धान भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) को उपलब्ध नहीं कराया। ये मामला खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 का है। चावल की कीमत करीब 21.87 लाख रुपये बताई जा रही है। एक वर्ष बीतने को है, न तो चावल दिया गया और न ही दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई। 1770 रुपये प्रति क्विंटल हुई थी धान खरीद

loksabha election banner

- खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में मूल्य समर्थन योजना के तहत धान खरीद के लिए 1750 रुपये प्रति क्विंटल मूल्य तय किया गया था। 20 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से किसानों को बोनस भी दिया गया। धान की खरीद एक नवंबर से 28 फरवरी तक हुई थी। खरीद करने वाली संस्था को चावल की आपूर्ति करनी थी। सचिव ने किया खेल

विभागीय सूत्रों की मानें तो संस्था ने क्रय करने वाले प्रभारियों के खाते में धन भेज दिया था। निगरानी के अभाव में धन हड़प लिया गया। हालांकि, विभाग ने पूरी खरीद होने का दावा किया है। यदि धान खरीद हुई तो किसानों को पैसा मिला या नहीं, ये भी अभी तय नहीं हो सका है। फिलहाल, जांच में मामला सामने आने की बात कही गई है। कोट

अभी 810 क्विंटल चावल की आपूर्ति अभी एफसीआइ को नहीं हो सकी है। प्रयास है कि बकाया चावल 30 सितंबर तक दे दिया जाए। चूक कहां हुई, इसकी समीक्षा की जा रही है।

-विनय सिंह, आरएम पीसीएफ

----

कोट

पीसीएफ ने 821 एमटी चावल की आपूर्ति एफसीआइ को नहीं की है। जबकि धान खरीद का नया सत्र फिर आने वाला है। शासन स्तर से भी संबंधित के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है।

- लाल बहादुर गुप्ता, जिला खाद्य विपणन अधिकारी गोंडा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.