जीवित रहीं तो की भरपूर सेवा-मरने पर दी मुखाग्नि, इस पुत्रवधू ने पेश की नई मिसाल
एक बहू यह भी: गोंडा जिले के वजीरगंज क्षेत्र के बभनी गाव का मामला। पुत्रवधू ने बेटे का फर्ज निभाकर पेश की नई मिसाल।
गोंडा(जेएनएन)। कौन कहता है कि बहू पराये घर की बेटी होती है। यहा तो एक पुत्रवधू ने बेटी ही नहीं बेटे का फर्ज निभाकर नई मिसाल पेश की है। उसने न सिर्फ बीमार सास की खूब सेवा की बल्कि उनकी मौत के बाद परंपराओं को तोड़ते हुए मुखाग्नि भी दी। मामला जिले के विकासखंड वजीरगंज क्षेत्र के बभनी गाव का है। यहां की रहने वाली वृद्ध महिला कलावती की गत गुरुवार सुबह बीमारी से मृत्यु हो गई। घर में बहू गुड़िया अकेली थी। पुत्र राजितराम मुंबई में रहता है, जो मा की मृत्यु के उपरात तत्काल घर नहीं पहुंचा। चिता को अग्नि देने की सभी तैयारिया की जा चुकी थी, लेकिन अन्य परिवारीजन मुखाग्नि देने को तैयार नहीं थे। गुड़िया ने परंपराओं को तोड़ते हुए एक नई पहल की और अपनी सास को मुखाग्नि देने की रस्म निभाई। गाव के चंदन, बजरंगी, रामलायक, बरसाती, संतराम, संतोष, दरगाही सभी का कहना है कि गुड़िया ने अपनी सास कलावती की बीमारी की स्थिति में पुत्र-पुत्रियों से बढ़कर सेवा की थी। इस बहू ने बेटा-बेटी से बढ़कर फर्ज निभाया और सास के मरने के बाद चिता को आग भी दी।