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अयोध्या बॉर्डर के विकास में सुरक्षित भूमि का 'ब्रेकर'

गोंडा अयोध्या की सीमा के विकास में गोंडा की सुरक्षित एवं जलमग्न भूमि का ब्रेकर लग गया है

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Mar 2020 10:55 PM (IST)Updated: Sun, 08 Mar 2020 06:10 AM (IST)
अयोध्या बॉर्डर के विकास में सुरक्षित भूमि का 'ब्रेकर'
अयोध्या बॉर्डर के विकास में सुरक्षित भूमि का 'ब्रेकर'

गोंडा : अयोध्या की सीमा के विकास में गोंडा की सुरक्षित एवं जलमग्न भूमि का 'ब्रेकर' लग गया है। ऐसे में तरबगंज तहसील के गांवों में पर्यटन विकास को लेकर भूमि का प्रस्ताव नहीं हो सका। अब जिला प्रशासन ने शासन से इस संबंध में निर्णय लेने की गुजारिश की है।

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पर्यटन विभाग ने जिला प्रशासन से पर्यटन विकास व सुंदरीकरण को लेकर 800 हेक्टेयर भूमि चिन्हित करके प्रस्ताव मांगा था। अफसरों के मुताबिक अयोध्या जिले की सीमा से सटे दुर्गागंज व महेशपुर गांव में सरकारी भूमि पर बारिश के समय पानी भर जाता है। अधिकांश भूमि ऐसी है जो जलमग्न होने के साथ ही सुरक्षित श्रेणी में दर्ज है। --

इस कार्य के लिए मांगी गई थी जमीन

- भगवान श्रीराम पर आधारित डिजिटल म्यूजियम की स्थापना।

- इंटरप्रटेशन सेंटर लाइब्रेरी की स्थापना

- पॉर्किंग स्थल का निर्माण

- फूड प्लाजा

- लैंडस्केपिग

- श्रीराम की प्रतिमा स्थापना

- अन्य मूलभूत सुविधाएं

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गांवों में जमीन की स्थिति

-ग्राम दुर्गागंज

- 42.882 हेक्टेयर भूमि बंजर श्रेणी में दर्ज

- 36.804 हेक्टेयर जमीन बंजर श्रेणी की जलमग्न

- 14.779 हेक्टेयर भूमि रिक्त एवं सूखा क्षेत्र

- 23.141 हेक्टेयर भूमि सीलिग श्रेणी की

-17.632 हेक्टेयर भूमि सीलिग की जलमग्न

- 5.50 हेक्टेयर भूमि रिक्त एवं सूखा क्षेत्र

- 488.691 हेक्टेयर भूमि जलमग्न श्रेणी में दर्ज

- 135.295 हेक्टेयर भूमि नदी के खाते में दर्ज

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ग्राम महेशपुर

- 39.691 हेक्टेयर भूमि सुरक्षित श्रेणी रेता की

- 122.068 हेक्टेयर भूमि जलमग्न श्रेणी की

- 14.779 हेक्टेयर भूमि दोनों गांव में बंजर श्रेणी की

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पर्यटन विकास को लेकर भूमि की उपलब्धता संबंधी जांच एसडीएम तरबगंज से कराई गई थी। अयोध्या की सीमा से सटे गांवों में भूमि जलमग्न व सुरक्षित श्रेणी की होने के कारण प्रस्ताव नहीं किया जा सकता।

-राजितराम प्रजापति, मुख्य राजस्व अधिकारी गोंडा


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