जेल कर्मियों के लिए बनेगी 88 आवासों की कॉलोनी
गोंडा: आइए हम ऐसी सरकारी कॉलोनी की करते हैं जो करीब 160 साल पहले बनी थी और अब भी उस जर्जर कॉलोनियों
गोंडा: आइए हम ऐसी सरकारी कॉलोनी की करते हैं जो करीब 160 साल पहले बनी थी और अब भी उस जर्जर कॉलोनियों में कर्मी रहने को विवश हैं। जी, हां ये है कारागार कर्मियों की आवासीय कॉलोनी। अब जेल प्रशासन इन जर्जर आवासों में रह रहे कर्मियों को नए आवास दिलाने के लिए कवायद शुरू कर दी है।
जेल अधिकारी बताते हैं कि जिला कारागार का निर्माण करीब वर्ष 1856 के बीच हुआ था। इसी दौरान इस जेल में तैनाती पाने वाले कर्मियों के लिए जेल परिसर में ही आवासों का निर्माण भी किया गया था। इनमें से करीब एक दर्जन आवास तो ढह गए हैं लेकिन, दो दर्जन से अधिक आवासों में बंदी रक्षक रह रहे हैं। जिन आवासों में बंदी रह रहे हैं उनकी दीवारों में दरार है, छत चटक गयी है। दरवाजे-खिड़की जुगाड़ के सहारे खुलते और बंद होते हैं। ऐसे में जेल कर्मी किसी तरह इन आवासों में गुजर-बसर कर रहे हैं।
नए आवास निर्माण के लिए कार्यवाही शुरू
जेल अधीक्षक शशिकांत ¨सह ने बताया बंदी रक्षकों व कारागार कर्मियों के लिए 88 आवासीय भवनों के निर्माण के लिए कार्य योजना तैयार कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि जल निगम की निर्माण इकाई कार्यदायी संस्था को भवन निर्माण का नक्शा व प्राक्लन तैयार करने को दिया गया है।