जांच दबाने में डीटीओ समेत तीन फंसे
गोंडा: स्वास्थ्य विभाग में भले ही हर मामले की जांच का आदेश दिया जाता हो लेकिन जांच अधिकारी
गोंडा: स्वास्थ्य विभाग में भले ही हर मामले की जांच का आदेश दिया जाता हो लेकिन जांच अधिकारी मामले को दबा देते हैं। ताजा मामला खरगूपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है। यहां पर तैनात स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी व ब्लॉक लेखा प्रबंधक के बीच धन उगाही का ऑडियो वायरल होने के मामले की जांच के आदेश दिए गए थे। ढाई माह बीतने को है लेकिन जांच शुरू तक नहीं हो सकी। इस पर जांच के लिए बनाई गई तीन सदस्यीय कमेटी अब मुश्किल में फंस गई है।
बताया जाता है कि मार्च माह में वायरल हुए एक ऑडियो में खरगूपुर के अधिकारियों के बीच आशा कार्यकर्ता को दिए जाने वाले मानदेय में वसूली का खुलासा हुआ था। आशा को विभिन्न कार्यों पर दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि के भुगतान में कमीशनबाजी का मामला सामने आने के बाद सीएमओ डॉ. एसके श्रीवास्तव ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित कर्मियों को हटा दिया था। उन्हें सीएचसी बभनजोत में संबद्ध किया गया था। बाद में एक को हलधरमऊ में तैनाती दे दी गई। उसी वक्त मामले की जांच के लिए जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. मलिक आलमगीर की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया था, जिसमें अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा देवराज व डॉ. एके राय को शामिल किया गया था। तीन दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी गई थी। लेकिन ढाई माह बीतने को है, अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं दिया गया है। इस पर संबंधित जांच अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इन्हें सात दिन के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है। ऐसा न होने पर कार्रवाई की बात कही गई है।
28 कर्मियों की रोकी उपस्थिति
- जिला अस्पताल में सेवा प्रदाता के माध्यम से तैनात कर्मियों ने 16 मई को सीएमएस को शिकायती पत्र देकर एक अधिकारी पर अभद्रता व अन्य आरोप लगाए थे। जिस पर संबंधित कर्मियों को लिखित स्पष्टीकरण देने को कहा गया था। बावजूद इसके कोई जवाब नहीं मिला। सीएमएस ने इस मामले में स्पष्टीकरण न देने वाले 28 कर्मियों की उपस्थिति पर रोक लगा दी है। स्पष्टीकरण प्राप्त होने के बाद ही हाजिरी भेजने का निर्देश दिया गया है।
धरना 11 जून से
- सेवानिवृत्त कर्मचारी बृजमती मिश्र के रिटायर होने के बाद भी उन्हें अभी तक देयकों का लाभ नहीं मिल पाया है। जिससे उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। संबंधित कर्मचारी 31 जुलाई 2017 को रिटायर हो चुकी है। जिस पर उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष राम रंग चौबे ने 11 जून से सीएमओ कार्यालय के सामने धरना देने का ऐलान किया है।