शिक्षक की टॉपर बिटिया बनना चाहती आइएएस
गोंडा : सीबीएसई के दसवीं के परिणाम में जिले के मेधावियों ने मेधा का परचम लहराया। 96.6 प
गोंडा : सीबीएसई के दसवीं के परिणाम में जिले के मेधावियों ने मेधा का परचम लहराया। 96.6 प्रतिशत अंक हासिल कर नाम रोशन करने वाले मेधावी हर दिन तीन से पांच घंटे स्वाध्याय करते हैं। शिक्षक, कांस्टेबल व व्यापारी का बेटा-बेटी होकर अब समाज में बदलाव के लिए कोई आइएएस तो कोई डॉक्टर, शिक्षक व इंजीनियर बनना चाहता है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के दसवीं के परिणाम में जिले में प्रथम स्थान हासिल करने वाली मधु ¨सह आइएएस बनना चाहती हैं। इनके पिता बृजकिशोर ¨सह हेड कांस्टेबल हैं व मां ऊषा ¨सह पूर्व माध्यमिक विद्यालय चीरे बसना में अध्यापक हैं। मधु ने बताया कि वह सिविल सर्विसेज की तैयारी करके आइएएस बनना चाहती हैं। वहीं वैभव त्रिपाठी इंजीनियर बनने का सपना संजोये हैं। पिता वीरेंद्र त्रिपाठी परिषदीय स्कूल में टीचर हैं व मां गृहणी हैं। वैभव ने बताया कि वह हर दिन चार घंटे पढ़ाई करते हैं। आइआइटी करके इंजीनियर बनना चाहते हैं। जिले में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाले आदित्य प्रताप ¨सह के पिता राकेश कुमार ¨सह चीनी मिल में नौकरी करते हैं तथा मां अनीता ¨सह गृहणी है। वह आगे आइएएस बनना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल व को¨चग के अलावा चार घंटे घर पर पढ़ाई करते थे। दूसरा स्थान प्राप्त करने वाले जवाहर नवोदय विद्यालय मनकापुर के अभ्युदय प्रताप ¨सह हर दिन पांच घंटे पढ़ाई करते हैं। वह आइएएस बनकर समाज में बदलाव लाना चाहते हैं। तीसरा स्थान हासिल करने वाली फातिमा की अर्पिता अग्रवाल डॉक्टर बनकर समाज को रोगमुक्त करना चाहती हैं। सेंट जेवियर्स स्कूल के अंशित त्रिपाठी शिक्षक बनकर समाज को ज्ञान बांटना चाहते हैं। चौथा स्थान हासिल करने वाले नारायण पब्लिक स्कूल के विराटनाथ आइएएस बनना चाहते हैं। उन्होंने हर दिन चार घंटे पढ़ाई करके सफलता हासिल की है। फातिमा के अभिषेक द्विवेदी इंजीनियर बनना चाहते हैं। साक्षी गुप्ता आइएएस बनकर समाज को नई दिशा देना चाहती हैं। अनुराग श्रीवास्तव डाक्टर बनने की ख्वाहिश रखते हैं। फातिमा की अग्रिमा गर्ग समाज में बदलाव लाना चाहती हैं। वह हर दिन पांच घंटे पढ़ाई करती हैं। उन्होंने बताया कि वह बदलाव लाने के लिए सिविल सर्विसेज की तैयारी करना चाहती हैं।