जागरूकता का बांटा ज्ञान, आपदा में कम हुआ नुकसान
संसू गोंडा आपदा से निपटने के लिए समय पूर्व तैयारी व जन जागरूकता सबसे कारगर हथियार है।
संसू, गोंडा : आपदा से निपटने के लिए समय पूर्व तैयारी व जन जागरूकता सबसे कारगर हथियार है। कुछ ऐसे ही प्रयास ने इस बार बाढ़ की त्रासदी में नुकसान कम कर दिया। वैसे तो नदी, नाले में भी जलस्तर बढ़ने से उफान आया, लेकिन बाढ़ का असर सिर्फ कुछ गांवों तक ही सीमित रहा। नदियों का जलस्तर बढ़ने के साथ ही तेज कटान में भी तटबंध सुरक्षित रहा। जिले की कर्नलगंज तहसील में इस वर्ष बाढ़ से सबसे कम नुकसान हुआ। जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व जलशक्ति मंत्री डा. महेंद्र सिंह भी बेहतर प्रबंधन की सराहना कर चुके हैं। पेश है एक रिपोर्ट :
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बाढ़ व बारिश से प्रभावित ग्राम-26
प्रभावित आबादी-4647
प्रभावित परिवार-806
प्रभावित क्षेत्रफल-400 हेक्टेयर
पूर्ण क्षतिग्रस्त पक्के मकान-14
क्षतिग्रस्त झोपड़ी-69 आपदा को नियंत्रित करने में ये उपाय हुए कारगर
- ग्राम पंचायत समितियों का गठन व प्रशिक्षण
- समय से पूर्व आपदा से निपटने की तैयारी
- बाढ़ को लेकर प्रभावित क्षेत्रों में माकड्रिल
- बाढ़ से पहले अनुमानित नुकसान का सर्वे
- प्रभावित क्षेत्र के स्कूलों में बच्चों व ग्रामीणों की ट्रेनिग
- मौसम विभाग से समन्वय व पूर्व चेतावनी पर तैयारी
- आपदा प्रबंधन में प्रभावित क्षेत्र के महिलाओं की सहभागिता
- गांव-गांव वालंटियर का चयन व नाविकों की पहले से ही पहचान
- सीसी कैमरे से तटबंध व नदियों के जलस्तर की निगरानी
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4.24 लाख क्यूसेक तक डिस्चार्ज हुआ पानी
- नेपाल से छोड़ा जाना वाला पानी राज्य के शारदा, बनबसा व सरयू बैराज से होते हुए जिले की नदियों में पहुंचता है। इस बार सबसे कम पानी 2 जून को 52305 क्यूसेक व सबसे अधिक 424786 क्यूसेक पानी 27 अगस्त को डिस्चार्ज हुआ। अगस्त में दो बार पानी का डिस्चार्ज चार लाख क्यूसेक से अधिक रहा।
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पब्लिक का कम हुआ नुकसान
- अधिशासी अभियंता बाढ़ कार्यखंड बीएन शुक्ल का कहना है कि अब नदियों का जलस्तर काफी नीचे पहुंच गया है। बाढ़ की संभावना समाप्त हो चुकी है। इस बार नदियों में कटान तो तेज हुई, लेकिन तटबंध को बचाने में कामयाबी मिली। प्रशासन के बेहतर प्रबंधन से इस बार पब्लिक का कम नुकसान हुआ है।
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- आपदा से निपटने के लिए समय पूर्व तैयारी व बेहतर प्रबंधन से नुकसान को नियंत्रित करने में सफलता मिली है। ग्राम पंचायत स्तर पर जनजागरूकता के लिए प्रशिक्षण के अलावा अन्य व्यवस्थाएं की गई थीं।
- राजेश कुमार श्रीवास्तव, जिला आपदा विशेषज्ञ गोंडा