डीएम साहब, कब मिलेगा उम्मीदों का आसरा
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गोंडा : शहर में झुग्गी-झोपड़ी व किराए के मकान में ¨जदगी गुजारने वाले जरूरतमंदों को उम्मीदों का आसरा पांच साल बाद भी नहीं मिल सका है। सूबे की अखिलेश सरकार ने आसरा आवास योजना के तहत गोंडा में 600 आवासों के निर्माण को मंजूरी वित्तीय वर्ष 2013-14 में दी थी। योजना के तहत प्रत्येक चयनित लाभार्थी को एक-एक आवासों का आवंटन किया जाना था। आवास में बिजली, पानी के अलावा शौचालय, बरामद व किचेन शेड का भी निर्माण कराया गया है। ये आवास बनकर तो तैयार हो गए लेकिन, अफसर आवंटन अभी तक नहीं करा सके। ऐसे में जरूरतमंदों को भटकना पड़ रहा है। इनसेट
प्रत्येक आवास पर 4.50 लाख खर्च
- आसरा आवास योजना के तहत प्रत्येक आवास के निर्माण पर 4.50 लाख रुपये खर्च करने की व्यवस्था बनाई गई थी। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) की स्वीकृति के बाद इसके लिए 27 करोड़ रुपये का बजट आवंटित हुआ था। निर्माण कार्य जबतक पूरा होता तबतक सरकार बदल गई। अफसर खामियां होने की बात कहते हुए आवंटन को टाल दिए। अब सबकुछ तैयार होने का दावा किया जा रहा है।