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2.12 अरब जुर्माना, वसूल नहीं पाए एक आना

एडीएम रत्नाकर मिश्र का कहना है कि एसडीएम तरबगंज को अन्य लोगों से वसूली के लिए रिमाइंडर भेजा गया है। वसूली क्यों नहीं हुई इसको लेकर भी जवाब तलब किया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Jan 2019 11:12 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jan 2019 11:12 PM (IST)
2.12 अरब जुर्माना, वसूल नहीं पाए एक आना
2.12 अरब जुर्माना, वसूल नहीं पाए एक आना

गोंडा : जिले में हुए अवैध खनन की गूंज भले ही दिल्ली तक रही हो, लेकिन अब ये शोर सिर्फ कागजों में कैद होकर रह गया है। सरकारी भूमि, प्रतिबंधित क्षेत्र व किसानों की जमीन में हुए अवैध खनन के मामले में प्रशासनिक कार्रवाई अब सवालों के घेरे में आ गई है। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) नई दिल्ली ने छह माह पूर्व मामले की सुनवाई करते हुए 43 लोगों पर 2.12 अरब रुपये जुर्माना लगाते हुए राज्य सरकार को सरकारी धन के क्षतिपूर्ति के लिए वसूली कराने का आदेश दिया था। हैरत तो इस बात की है कि प्रशासन इतने दिन में एक भी पैसे की वसूली नहीं कर सका। एडीएम रत्नाकर मिश्र का कहना है कि एसडीएम तरबगंज को अन्य लोगों से वसूली के लिए रिमाइंडर भेजा गया है। वसूली क्यों नहीं हुई? इसको लेकर भी जवाब तलब किया जाएगा।

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24 जुलाई को एनजीटी ने सुनाया था फैसला

एनजीटी ने कीर्तिवर्धन ¨सह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य के मामले की सुनवाई करते हुए 24 जुलाई 2018 को अपना फैसला सुनाया था। ग्राम पंचायत चकरसूल व कल्याणपुर में अवैध खनन को लेकर चिह्नित 43 लोगों से वसूली के लिए आदेश दिए गए थे। 93.04 करोड़ रुपये रायल्टी व 119.41 रुपये सहित 212.45 करोड़ रुपये की वसूली कराने के आदेश राज्य सरकार को दिए गए थे। डीएम ने संबंधित के खिलाफ इसी माह में वसूली के आरसी भी जारी कर दी थी। इसके बाद मामले जुड़े कुछ लोग उच्चतम न्यायालय चले गए। न्यायालय ने अलग-अलग मामलों की सुनवाई करते हुए सिर्फ सात लोगों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगाई है।


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