गंवई संस्कृतियों को छोटे पर्दे पर उकेर रहे योगेश विक्रांत
रेवतीपुर ब्लाक के छोटे से गांव युवराजपुर से निकलकर शिक्षक मुरलीधर ¨सह के पुत्र योगेश विक्रांत आज बालीवुड सहित छोटे पर्दे की दुनिया में धमाल मचा रहे हैं। वह छोटे पर्दे पर बड़े लोगों की कहानियां प्रस्तुत कर टीआरपी बटोरने वाली मनोदशा को आज देश के छोटे-छोटे गांवों की संस्कृति की खुशबू बिखरने की ओर मोड़ चुके हैं। इनके लिखे धारावाहिक का जादू सिर चढ़ बोल रहा है। विक्रांत को अगल जनम मोहे बिटिया न कीजो के बेस्ट टाइटल ट्रैक पर इंडियन टेली अवार्ड भी मिल चुका है।
जागरण संवाददाता, गाजीपुर: रेवतीपुर ब्लाक के छोटे से गांव युवराजपुर से निकलकर शिक्षक मुरलीधर ¨सह के पुत्र योगेश विक्रांत आज बालीवुड सहित छोटे पर्दे की दुनिया में धमाल मचा रहे हैं। वह छोटे पर्दे पर बड़े लोगों की कहानियां प्रस्तुत कर टीआरपी बटोरने वाली मनोदशा को आज देश के छोटे-छोटे गांवों की संस्कृति की खुशबू बिखरने की ओर मोड़ चुके हैं। इनके लिखे धारावाहिक का जादू सिर चढ़ बोल रहा है। विक्रांत को अगल जनम मोहे बिटिया न कीजो के बेस्ट टाइटल ट्रैक पर इंडियन टेली अवार्ड भी मिल चुका है।
योगेश विक्रांत ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा गांव के प्राइमरी स्कूल से की है। उसके बाद सिटी इंटर कालेज से 12वीं पास कर इलाहाबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक की डिग्री हासिल की। योगेश में लिखने का शौक बचपन से ही था। उन्होंने महज 10 वर्ष की उम्र में ही एक कविता की रचना की। परिवार वालों के डर से इसे सिर्फ अपने दोस्तों को पढ़कर सुनाया था। स्नातक की शिक्षा के बाद इलाहाबाद में ही पत्रकारिता शुरू कर दी। पत्रकारिता में उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई। वह हमेशा कुछ बड़ा व खास करना चाहते थे। इसके लिए मुम्बई चले गए। वहां उन्होंने कई डीवीडी फिल्म लिखा। बालीवुड की सुपरहिट मूवी पार्टर और लाइफ पार्टर में घोस्ट राइटर थे। बालीवुड के मशहूर डायरेक्टर नीरज पाठक की मूवी राइट या रांग के एसोसिएट राइटर रहे। वहीं सनी देओल की मूवी द मैन में भी एसोसिएट राइट हैं। यह फिल्म अभी बन रही है। इसके अलावा योगेश विक्रांत टीवी चैनलों के कई सुपरहिट धारावाहिक क्राइम पेट्रोल डायल 100, मन में विश्वास है, अपनों के लिए गीता का धर्म युद्ध की कहानी में इनकी विशेष भूमिका है। वहीं आज की हाउस वाइफ है सब जानती है की कहानी बनाने के साथ ही इसके स्क्रीन प्ले और डायलाग भी इन्होंने ही लिखा है। काली-एक पुनर अवतार, आखिर बहू भी तो बेटी ही है, अजब-गजब घर जमाई, जय मां ¨वध्यवासिनी आदि धारावाहिक के बहुत से डायलाग लिखा है। अब तक यह दर्जनों धारावाहिकों की स्क्रीप्ट लिख चुके हैं। -----
बचपन में झेलने पड़ते थे ताने
योगेश विक्रांत जब साहित्कार जगत से जुड़े और इलहाबाद यू-वाड़ी रेडियों में नौकरी शुरू किए। इसके बाद मुम्बई में जब धारावाहिकों और फिल्म की कहानी लिखना शुरू किए तो ग्रामीणों से तरह-तरह के ताने भी सुनने पड़ते थे। हालांकि हौंसले ने इसकी कभी फिक्र नहीं होने दी। उनका कहना है कि अगर टैलेंट है तो शर्म न करो और अपने लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ते रहो। योगेश के इसी जज्बे का परिणाम है कि आज वह छोटे पर्दे पर एक से बढ़कर एक सुपरहिट धारावाहिकों की कहानियां लिखकर धमाल मचा रहे हैं। ----
गांव वालों ने कर दिया था तिरस्कार
योगेश विक्रांत की इलाहाबाद में पढ़ाई के समय एक कायस्थ लड़की गरिमा से प्रेम हो गया। तमाम अड़चनों और दुश्वारियों के बाद माता-पिता के राजी होने पर उनकी शादी हुई। इसके बाद गांव के तमाम लोग तिरस्कार करते हुए न सिर्फ शादी में शरीक होने से परहेज किए बल्कि जो जी में आया उसे कहने में नहीं चूके। आज वही लोग उन्हें बतौर नजीर पेश कर रहे हैं। योगेश की पत्नी गरिमा ¨सह भी साहित्य व कलाकार जगत जुड़ीं रहीं। फिलहाल वह योगेश के साथ कई सुपरहिट धारावाहिकों में मेन किरदार की भूमिका अदा कर चुकीं हैं।