सूर्य की उपासना का महापर्व डाला छठ रविवार से
जीपुर : दीपावली बीतने के बाद प्रकृति व भगवान सूर्य की उपासना का पर्व छठ की रौनक जिले में दिखने लगी है। रविवार को नहाय खाय के साथ इस चार दिवसीय महापर्व का उत्सव शुरू हो जाएगा। महिलाएं 36 घंटे के व्रत के बाद 14 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारन करेंगी। इसकी तैयारी अभी से शुरू हो गई है।
जासं, गाजीपुर : दीपावली बीतने के बाद प्रकृति व भगवान सूर्य की उपासना का पर्व छठ की रौनक जिले में दिखने लगी है। यह चार दिवसीय महापर्व रविवार को नहाय खाय के साथ शुरू हो जाएगा। महिलाएं 36 घंटे के व्रत के बाद 14 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारन करेंगी। इसकी तैयारी अभी से शुरू हो गई है। इस पर्व को लेकर लोगों खासकर महिलाओं में काफी उत्साह है।
लोग महापर्व के लिए सूप, डलिया, दौरा, आदि की खरीदारी कर रहे हैं। वहीं पर्व के एक दो दिन शेष रहने पर फलों की खरीदारी तेज हो जाएगी। बाजार में पिछले एक सप्ताह से धनतेरस और दीपावली और अब छठ की खरीदारी को लेकर भीड़ एक समान बनी हुई है। व्रती महिलाएं खुद बाजार से छठ पर्व की खरीदारी कर रही हैं। नारियल व अन्य सूखे फल भी बाजार में भर गए हैं। दीपावली के बाद से ही घरों में लहसून व प्याज आदि का खाना वर्जित हो गया है। 11 नवंबर को नहाय खाय के साथ छठ महापर्व की गहमागहमी शुरू हो जाएगी। इस दिन महिलाएं नदी, तालाब या घरों में पूरी पवित्रता के साथ नाखून काटकर स्नान करेंगी और उसके बाद शाकाहारी भोजन ग्रहण करेंगी। 12 नवंबर को खरना होगा जिसमें महिलाएं पूरे दिन व्रत रखेंगी। शाम को चौके में नया चूल्हा स्थापित करेंगी। गन्ने के रस या गुड़ में बनी चावल की खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण करेंगी। 13 नवंबर को अस्तालगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर सुख-समृद्धि की कामना की जाएगी।
------------ वेदी बनाने की होड़
- शहर में ददरीघाट, कलेक्टर घाट, स्टीमर घाट, पोस्ता घाट, बड़ा महादेवा घाट सहित कस्बे और गांवों में विभिन्न नदी-पोखरों के किनारे अभी से वेदी बनाने का क्रम शुरू हो गया है। हर कोई पहले ही वेदी बनाकर अपनी जगह सुरक्षित करना चाहता है। इसके लिए स्वस्थ होड़ लगी है। जो पहले वेदी बनाएगा उसे मनपसंद जगह मिल जाएगी, वरना बाद में तो जो खाली स्थान मिलेगा उसे वहीं वेदी बनानी पड़ेगी। सूर्य रहेंगे तीन ग्रहों में गतिशील
- बच्चन महाराज के अनुसार छठ के दौरान सूर्यदेव गुरु और बुध ग्रह के साथ तुला राशि में गतिशील रहेंगे। ये त्रिग्रही योग यश, वैभव, प्रतिष्ठा, उन्नति, संपन्नता का कारक माना जाता है। जिन जातकों की कुंडली में सूर्य की दशा खराब चल रही है उन्हें यह पर्व काफी लाभ देगा। इस पर्व से दुख दूर होते हैं। उन्होंने बताया कि जब पांडव जुए में कौरवों से राजपाट हार गए थे तब द्रोपदी ने छठ का व्रत किया था। व्रत करने से द्रोपदी की सभी मनोवांछित इच्छाएं पूर्ण हुई थीं। एक अन्य मान्यता के अनुसार लंका-विजय के बाद श्रीराम और सीता जी ने भी यह व्रत रामराज्य की स्थापना के लिए किया था। नगरपालिका ने शुरू की साफ-सफाई : नगर स्थित गंगा घाटों की सफाई कर काम शुरू कर दिया गया है। सफाई व्यवस्था में नगरपालिका प्रशासन की ओर से सफाई कर्मियों की कई टोलियां लगाई गई हैं जो विभिन्न घाटों की सफाई में जुटी हुई हैं। नगरपालिका के ईओ उमेश चंद ने बताया कि कच्चे घाटों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। घाट तक पहुंचने वाले रास्ते में आने वाले नालों पर अस्थायी पुल बनाए जा रहे हैं।