गाजीपुर हिंसाः शहीद के बेटे का दर्दः मुआवजे का क्या करें, सरकार तो हाथ पर हाथ धरे बैठी है
शहीद सुरेश प्रताप वत्स के पुत्र ने अपने पिता की हत्या के मामले में कहा कि जब प्रदेश में पुलिस अपनों की रक्षा नहीं कर पा रही है तो फिर जनता की सुरक्षा कैसे करेगी।
गाजीपुर, जेएनएन। निषाद पार्टी के बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के अराजक होकर उत्तर प्रदेश के हेड कॉन्स्टेबल सुरेश प्रताप वत्स की हत्या के बाद उनके घर के लोग बेहद आहत हैं। गाजीपुर में डॉक्टर्स की टीम सुबह दस बजे तक पोस्टमार्टम करने भी नहीं पहुंची थी। शहीद सुरेश प्रताप वत्स के पुत्र वहां पर ताला लटका देख बेहद दुखी थे।
शहीद सुरेश प्रताप वत्स के पुत्र ने अपने पिता की हत्या के मामले में कहा कि जब प्रदेश में पुलिस 'अपनों' की हर रक्षा नहीं कर पा रही है तो फिर जनता की सुरक्षा कैसे करेगी। अक्सर ही प्रदेश में भीड़ बेहद अराजक हो जा रही है। पुलिस को कोई स्पष्ट निर्देश ही नहीं मिलता।
उनके पुत्र वीपी सिंह ने कहा कि हम इस आर्थिक सहायता का क्या करेंगे। मुख्यमंत्री की ओर से 50 लाख के मुआवजे पर भी उसने कहा कि जब पिता ही नहीं रहे तो इस रकम का क्या करेंगे।सरकार कितने परिवार को आर्थिक सहायता देगी। उन्होंने कहा कि बुलंदशहर में इंस्पेक्टर की हत्या से पहले प्रतापगढ़ में भी एक पुलिसकर्मी की हत्या कर दी गई। सरकार अभी तक हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
पिता की मौत के बाद बेटे वीपी सिंह ने योगी सरकार पर पुलिसवालों की सुरक्षा न करने का आरोप लगाया। उसने कहा कि पुलिस अपनी सुरक्षा नहीं कर पा रही है। हम उनसे क्या उम्मीद कर सकते हैं। अब हम मुआवजे के साथ क्या करेंगे।
इससे पहले बुलंदशहर में 3 दिसंबर को इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की गोली मारकर हत्या हुई थी। इसके ठीक 24 दिन बाद यानि 27 दिसंबर को प्रतापगढ़ में बेखौफ बदमाशों ने कांस्टेबल राजकुमार की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिसकर्मियों की हत्या पर योगी सरकार घिरती नजर आ रही है।
गाजीपुर इस घटना में पुलिस ने 32 नामजद और 60 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। इसके साथ ही 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।