बाढ़ की आशंका से सेमरा-शिवरायकापुरा के ग्रामीण भयभीत
गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ाव हो रहा है।
जागरण संवाददाता, मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) : गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ाव हो रहा है। इससे कटान प्रभावित सेमरा-शिवरायकापुरा गांव के लोग काफी परेशान हैं। वर्ष 2012 व 2013 में आई बाढ़ से कटान का दंश झेल रहे परिवारों को आज तक पुनर्वास की व्यवस्था नहीं होने से वह सड़क किनारे व सार्वजनिक जगहों पर झोपड़ी डालकर अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
लगातार गंगा के जलस्तर में बढ़ाव का क्रम बना हुआ है। गंगा का जलस्तर अब अरार के बराबर होने को है। बाढ़ की संभावना ने सेमरा-शिवरायकापुरा गांव के आगे रामतुलाई से शेरपुर के बीच कटान का अंदेशा व्याप्त है। कटान रोकने के लिए एक वर्ष पूर्व ही रामतुलाई के आगे बोल्डर पिचिग के लिए शासन की ओर प्रोजेक्ट स्वीकृत कर कार्य शुरू करा दिया गया, लेकिन कार्य की धीमी गति से निर्माण कार्य आधा अधूरा पड़ा है। इससे जलस्तर बढ़ने पर कटान को लेकर लोग सशंकित हैं।
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विस्थापन का जीवन बीता रहे कटान पीड़ित
- वर्ष 2012 व 2013 में गंगा में आई बाढ़ के चलते सेमरा गांव का करीब 50 प्रतिशत व शिवरायकापुरा गांव का 90 प्रतिशत आबादी का आशियाना गंगा की धारा में विलीन हो गया। कटान से प्रभावित करीब 540 परिवारों में काफी संख्या में लोग गांव के किनारे मुख्य सड़कों के किनारे व सार्वजनिक जगहों पर झोपड़ी डालकर रह रहे हैं। करीब 18 परिवार प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय तथा 10 परिवार यूसुफपुर मंडी समिति परिसर में विस्थापन का जीवन व्यतीत कर रहे हैं। सरकारी धन से क्रय जमीन पर बसने से कटान पीड़ित कर दिए इन्कार
कटान पीड़ित परिवारों को पुनर्वासित करने के लिए शासन की ओर से करीब दो करोड़ रुपये जमीन क्रय करने के लिए धनराशि जारी की गई। राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से उक्त धनराशि से जमीन शेरपुर के जलालपुर में क्रय किया गया। जहां बाढ़ क्षेत्र बताकर कटान पीड़ित वहां जाने से इन्कार कर दिए। उसके बाद से अधिकारियों की उदासीनता से पुनर्वास को लेकर कोई कार्य नहीं हो सका।