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बर्ड फ्लू को लेकर जिले में सतर्क ता

जागरण संवाददाता गाजीपुर कई प्रदेशों में फैले बर्ड फ्लू को लेकर जिले में पशु चिकित्सा अधिकारी ने सतर्कता बरतने को कहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 08:44 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 09:54 PM (IST)
बर्ड फ्लू को लेकर जिले में सतर्क ता
बर्ड फ्लू को लेकर जिले में सतर्क ता

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : कई प्रदेशों में फैले बर्ड फ्लू को लेकर जिले का पशु चिकित्सा महकमा अलर्ट हो गया है। जिले के सभी पशु चिकित्साधिकारियों को पोल्ट्री फार्मो पर निगरानी रखने का निर्देश जारी किया गया है। इसके अलावा सभी प्रकार के पक्षियों, विशेषकर कौवों पर भी पशु चिकित्सक नजर गड़ाए हुए हैं। प्रतिदिन इसकी रिपोर्ट बनाई जा रही है और शासन को अपडेट कराया जा रहा है। फिलहाल शुक्रवार तक जिले में इस तरह किसी पक्षी के मरने की सूचना नहीं थी। निदेशक रोग नियंत्रण पशु पालन विभाग डा. आरपी सिंह ने शुक्रवार को सभी जिला मुख्य पशुचिकित्साधिकारियों संग गूगल मीट किया। इसमें उन्होंने सजग रहने व सावधानी बरतने सहित विभिन्न निर्देश दिए।

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रैपिड रिस्पांस टीम गठित

बर्ड फ्लू के लिए जनपद में एक रैपिड रिस्पांस टीम भी गठित की गई है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी इसके अध्यक्ष और सभी तहसीलों के पशु चिकित्साधिकारी इसके सदस्य हैं। ये टीम पूरे जिले में निगरानी कर रही है और लोगों को इसके प्रति जागरूक भी कर रही है। जिला मुख्यालय स्थित पशु चिकित्सालय मोहनपुरवा में कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है। इसका नंबर-8765957940 और 9838504002 है। जिले में कहीं भी कोई पक्षी एक या अधिक संख्या में मरा हुआ मिले तो इस पर सूचना दी जा सकती है। पशु चिकित्सा विभाग की टीम वहां तत्काल पहुंचेगी और उस मरे हुए पक्षी को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराएगी। कहीं कोई बेसहारा पशु घायल हो जाता है तो इसकी भी सूचना दी जा सकती है। पशु चिकित्सक वहां पहुंच कर उपचार करेंगे। : सभी पोल्ट्री फार्मो और पक्षियों की निगरानी की जा रही है। इसमें सभी पशु चिकित्साधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है। अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है।

- सुनील कुमार सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी।

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चिकन, अंडा खाने से लोगों ने बनाई दूरी

खानपुर : कई राज्यों से बर्ड-फ्लू की आ रही खबरों से लोग अब चिकन और अंडों से दूरी बना रहे हैं। पिछले तीन-चार दिनों में मुर्गो और अंडों की बिक्री पर भारी प्रभाव पड़ा है। अंडों और मुर्गो की बिक्री आधी होते देख फुटकर और थोक विक्रेताओं की परेशानी बढ़ गई है। शाम ढलते ही बाजारों और चट्टी चौराहों पर अंडारोल, एग चाउमीन, आमलेट और उबले अंडों के ठेला गुमटी पर लगने वाली लोगों की भीड़ लगातार घट रही है। मुर्गा के बजाय लोग मछली खाने को ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं। अंडा विक्रेता सिधौना के नथुनी गुप्ता ने बताया पिछले सात-आठ महीनों से लाकडाउन में धंधा बंद होने के बाद किसी तरह अंडा व्यवसाय पटरी पर आया ही था कि इस बीमारी ने लोगों को अंडों से दूर करना शुरू कर दिया। मुर्गा और अंडा उत्पादक नेवादा के पप्पू सिंह कहते हैं कि मुर्गियों और उनके बच्चों पर बराबर दवा का छिड़काव और स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।


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