असमय बारिश ने बढ़ाई किसानों की मुसीबत
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जासं, गाजीपुर : मंगलवार की भोर में हुई असमय बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दीं। राहत की बात यह रही कि यह तेज नहीं हुई। सुबह आसमान में बादलों की जमघट पर किसान नजर गड़ाए रहे। हालांकि दिन में 10 बजे के बाद जब भगवान भास्कर ने दर्शन दिए तो किसानों ने राहत की सांस ली। विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में बूंदा-बांदी और तेज हवा के चलते खेतों में खड़ी गेहूं की फसल गिर गई है। इससे मड़ाई का कार्य कुछ दिनों के लिए आगे बढ़ गया।
सोमवार की रात से ही आसमान पर बादलों की आवाजाही शुरू हो गई। आधी रात के बाद घने बादलों ने डेरा डाल दिया। भोर तीन बजे चमक-गरज के साथ बूंदा-बांदी शुरू हुई जो कुछ देर बार रुक गई लेकिन कुछ ही देर बाद बूंदा-बांदी दोबारा शुरू हो गई। फुहारों का यह सिलसिला रुक-रुककर सुबह नौ बजे तक चलता रहा। 10 बजते-बजते भगवान भास्कर बादलों के बीच से झांकने लगे। दोपहर को हुई तेज धूप लोगों को गर्मी का अहसास दिलाने लगी। लौवाडीह : बे-मौसम बरसात खेत मे चने की कटाई रुक गयी है। वहीं मसूर, सरसों के गल्ले खलिहानों में भीग गए है जिससे मड़ाई कार्य कुछ दिनों बाद ही हो सकेगा। पिछले वर्ष इसी समय बारिश के साथ ओले पड़े थे जिससे प्याज की फसल नष्ट हो गयी थी। ज्ञात हो कि यह समय करइल के किसानों के लिए काफी अहम माना जाता है इस समय किसानों की काला सोना मसूर, चना, गेंहू, कैश क्राफ्ट प्याज, तिलहन आदि तैयार होता है और बरसात इसके लिए घातक होता है। इस वर्ष क्षेत्र में अगैती प्याज, मसूर की सैकड़ों बीघे में खेती की गई है। मसूर तो खलिहान में आ चुकी है लेकिन प्याज अभी खेतों तैयार हो रही है। दो सप्ताह बाद अगैती प्याज की खुदाई शुरू हो जाएगी। करंडा : असमय बारिश से मड़ाई के लिए काटी गयी जौ, चना, सरसों, मटर, मसूर आदि की फसल पानी में भीग गई। किसान कभी अपनी फसल को देख तो कभी आसमान को देखकर बारिश न होने की प्रार्थना कर रहे हैं। कास्तकार रमाकान्त दुबे ने बताया कि उन्होंने जौ की लगभग एक एकड़ खेती पशुओं को खिलाने के लिए की थी जिसकी पैदावार बारिश की वजह से अब घट जाएगी। पैदावार घटने से किसानों के साथ पशुओं को भी अनाज और भूसे की दिक्कत आएगी। रेवतीपुर : किसानो की फसल के मडाई का समय हो गया है । अभी बहुत से किसानों की चना, मसूर, मटर आदि की फसल खेतों में कटाई के लिए पड़ी है। बारिश की वजह से फसल बर्बाद होने का डर सता रहा है।