बिजली विभाग के लिए दुर्भाग्य बनती जा रही सौभाग्य योजना
घर-घर बिजली पहुंचाने की सौभाग्य योजना बिजली विभाग के लिए दुर्भाग्य योजना बनती जा रही है। घर-घर कनेक्शन देने के साथ ही बिजली खपत तो बढ़ रही है लेकिन राजस्व की वसूली में इजाफा होता नहीं दिख रहा है। ऐसे में यह योजना शासन के लिए सिरदर्द बनती जा रही है। इसके लिए शासन को अलग से योजना तैयार करनी होगी।
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : घर-घर बिजली पहुंचाने की सौभाग्य योजना बिजली विभाग के लिए दुर्भाग्य योजना बनती जा रही है। घर-घर कनेक्शन देने के साथ ही बिजली खपत तो बढ़ रही है लेकिन राजस्व की वसूली में इजाफा होता नहीं दिख रहा है। ऐसे में यह योजना शासन के लिए सिरदर्द बनती जा रही है। इसके लिए शासन को अलग से योजना तैयार करनी होगी।
जिले में करीब चार लाख 25 हजार उपभोक्ता हो गए हैं। सौभाग्य योजना के तहत प्रत्येक घर को रोशन की कवायद अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार करीब सभी घरों को रोशन किया जा चुका है लेकिन अब बिल वसूली की समस्या होगी। वसूली के लिए विभाग को लंबी-चौड़ी फौज तैयार करनी होगी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अगर जल्द ही वसूली में तेजी नहीं लाई गई तो विभागीय घाटा बढ़ता जाएगा। जब घाटा बढ़ेगा तो गर्मी के मौसम में आपूर्ति करना मुश्किल हो जाएगा। सौभाग्य योजना के तहत वितरण कंपनियों ने करीब-करीब हर घरों में बिजली तो पहुंचा दी लेकिन अब विभाग के सामने उसके रख-रखाव व बिल वसूली बड़ी चुनौती होगी। हालांकि इससे बिजली चोरी में काफी हद तक कमी तो आई है। वसूली के लिए बनेगी योजना
- फिलहाल अभी सौभाग्य योजना के तहत कनेक्शन देने पर जोर है। इसके बाद बिल वसूली के लिए योजना तैयार की जाएगी। बिल वसूली से ही आपूर्ति संभव हो पाएगी।- आरआर प्रसाद, अधीक्षण अभियंता विद्युत विभाग।
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