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दो सदस्यीय टीम ने विकास कार्य की परखी हकीकत

जासं गाजीपुर विकास कार्य के नाम पर लाखों रुपये के हुए बंदर-बांट की जमीनी हकीकत जानने के लिए डीएम के निर्देश पर जिला सेवायोजन अधिकारी के नेतृत्व में दो सदस्यी टीम मनिहारी विकास खंड के धावा गांव पहुंची। वहां ग्रामीणों से जानकारी लेने के साथ शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों की गंभीरता पूर्वक जांच भी की।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 05:37 PM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 05:37 PM (IST)
दो सदस्यीय टीम ने विकास कार्य की परखी हकीकत
दो सदस्यीय टीम ने विकास कार्य की परखी हकीकत

जासं, गाजीपुर : विकास कार्य के नाम पर लाखों रुपये के हुए बंदर-बांट की जमीनी हकीकत जानने के लिए डीएम के निर्देश पर जिला सेवायोजन अधिकारी के नेतृत्व में दो सदस्यीय टीम मनिहारी विकास खंड के धावा गांव पहुंची। वहां ग्रामीणों से जानकारी लेने के साथ शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों की गंभीरता पूर्वक जांच भी की। इस दौरान गहमागहमी का माहौल रहा।

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शिकायतकर्ता अवधेश सिंह यादव ने बीते वर्ष अक्टूबर में शपथ-पत्र के माध्यम से जिलाधिकारी को बताया था कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में शौचालय मरम्मत के नाम पर एक लाख 99 हजार 650 व स्टेशनरी व प्रशासनिक कार्य के अलावा इंटरलाकिग के नाम पर तीन लाख 55 हजार 853 रुपये निकाल लिए गए व कार्य नहीं हुआ। इसी तरह कई विकास कार्यों में सरकार धनराशि का गड़बड़झाला करते हुए बंदर-बांट कर लिया गया। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने जिला सेवायोजन अधिकारी एके प्रजापति व तकनीकी सहायक के रूप में पीके गौतम की दो सदस्यीय टीम गठित कर जांच का निर्देश दिया। टीम के सदस्यों ने ग्रामीणों से विकास के संबंध में जानकारी लेने के साथ शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों की भी जांच की गई। इस संबंध में जांच अधिकारी एके प्रजापति ने बताया कि जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंप दी जाएगी।


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